लता मंगेशकर की अस्थियां हाल ही में नासिक स्थित गोदावरी में विसर्जित की गईं। वहीं, सोमवार को एक बार फिर लता जी की अस्थियां मुंबई के अरब सागर में प्रवाहित की गई। रिपोर्ट्स की मानें तो उनके परिवारवालों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनको मुंबई बहुत पसंद था और उन्होंने अपनी लाइफ के कई साल यहीं बिताए हैं।
मुंबई. लीजेंड सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की अस्थियां हाल ही में नासिक स्थित गोदावरी में विसर्जित की गईं। लताजी की फैमिली ने गोदावरी घाट पर अस्थि विसर्जन किया था। इस दौरान उनके भतीजे आदिनाथ ने धार्मिक रीति-रिवाज के मुताबिक कलश से अस्थियां नदी में प्रवाहित कीं। वहीं, सोमवार को एक बार फिर लता जी की अस्थियां मुंबई के अरब सागर में प्रवाहित की गई। रिपोर्ट्स की मानें तो उनके परिवारवालों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनको मुंबई बहुत पसंद था और उन्होंने अपनी लाइफ के कई साल यहीं बिताए हैं। इस दौरान उनके भाई, उनकी भांजी और भांजा भी साथ थे। बता दें कि 6 फरवरी को 92 साल की उम्र में लताजी का निधन हो गया। लता जी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शिवाजी पार्क में किया गया था।
इन जगहों पर भी होगा अस्थि विसर्जन
लता जी का अस्थि विसर्जन नासिक के रामकुंड में किया गया। वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी अस्थियों के एक कलश को काशी स्थित गंगा में विसर्जित किया जाएगा। इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी मौजूद रह सकते हैं। इसके अलावा, हरिद्वार में भी लता मंगेशकर की अस्थियों को प्रवाहित किया जाएगा। बता दें कि लताजी को मुखाग्नि उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने दी थी। 5 भाई-बहनों में वे सबसे बड़ी थीं। उनकी फैमिली के सभी लोग संगीत की दुनिया से जुड़े हैं। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर के मंझे हुए कलाकार और गायक थे। दीनानाथ की पत्नी का नाम सेवंती था। उनके 5 बच्चे हुए, जिनमें सबसे बड़ी लता मंगेशकर थीं। उनके बाद बाद मीना खादीकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर और सबसे छोटे हृदयनाथ मंगेशकर हैं।
गिनीज बुक में दर्ज है नाम
लता जी ने 28 सितंबर को अपना 92वां जन्मदिन मनाया था। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिया गया था। उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकार्ड कराए हैं। लता को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के अलावा दादा साहब फाल्के पुरस्कार और फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने साल 1948 से 1974 के बीच 25 हजार से अधिक गाने गाए। 1974 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें इतिहास में सबसे अधिक गाने गाकर रिकॉर्ड दर्ज करवाने वाले कलाकार के रूप में स्थान दिया।
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