CGBSE Result: पिता की छोटी-सी दुकान देखकर बेटा देखता था बड़ा सपना और किया 12वीं में टॉप, जानिए सक्सेस फंडा

Published : Jun 23, 2020, 03:08 PM ISTUpdated : Jun 23, 2020, 03:19 PM IST
CGBSE Result: पिता की छोटी-सी दुकान देखकर बेटा देखता था बड़ा सपना और किया 12वीं में टॉप, जानिए सक्सेस फंडा

सार

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने 10 और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। 12वीं में टिकैश वैष्णव, जबकि 10वीं में प्रज्ञा कश्यप टॉपर रही हैं। 10वीं में 73.62% और 12वीं 78.59% छात्र पास हु़ए। रिजल्ट cgbse.nic.in पर देखा जा सकता है। रिजल्ट स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकम ने मंगलवार को वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी किया। इस वर्ष की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में क्रमश: 3.87 लाख और 2.72 लाख छात्र सम्मिलित हुए थे।  

रायपुर, छत्तीसगढ़. सक्सेस का सीधा फंडा होता है, जोश-जुनून और अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहना। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने 10 और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। 12वीं में टिकैश वैष्णव, जबकि 10वीं में प्रज्ञा कश्यप टॉपर रही हैं। 10वीं में 73.62% और 12वीं 78.59% छात्र पास हु़ए। रिजल्ट cgbse.nic.in पर देखा जा सकता है। रिजल्ट स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकम ने मंगलवार को वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जारी किया। इस वर्ष की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में क्रमश: 3.87 लाख और 2.72 लाख छात्र सम्मिलित हुए थे।


12वीं के टॉपर के पिता चलाते हैं पान की दुकान..
12वीं में टॉप करने वाले टिकेश वैष्णव मुंगेली के रहने वाले हैं। उन्हें 97.80% मार्क्स मिले हैं। वैष्णव के पिता शिवकुमार की पानी की दुकान है। आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं। वैष्णव ने कहा कि वो पिता को छोटी-सी दुकान पर बैठा देखता था, तो अकसर सोचता कि कुछ बड़ा करना है। वैष्णव ने बताया कि उसने अपने टीचर्स से बहुत अच्छे रिश्ते रखे। एकदम दोस्तों की तरह। इसका उसे फायदा मिला। कोई भी सवाल वो बेहिचक पूछ लेता था। वहीं नियमित और सही तरीके से पढ़ाई पर फोकस करने से उसे कामयाबी मिली। वैष्णव इंजीनियर बनना चाहता है। वैष्णव बताता है कि वो 6-8 घंटे पढ़ाई करता था। लेकिन खुद को फ्रेश रखने खेलता भी था।  (अपने टीचर के साथ वैष्णव)

 

6 घंटे पढ़ाई..बाकी समय बाकी काम और मौजमस्ती..
10वीं में टॉप करने वालीं प्रज्ञा कश्यप गांव के एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। उन्हें 100% मार्क्स मिले हैं। प्रज्ञा के मुताबिक, उन्होंने पढ़ाई के लिए 6 घंटे फिक्स कर रखे थे। बाकी समय में दूसरे काम और मौजमस्ती। मोबाइल और टीवी पर से भी कोई दूरी नहीं बनाई। इनके पिता कवर्धा के सरकारी स्कूल में टीचर हैं। प्रज्ञा संयुक्त परिवार में रहती हैं। वे आगे गणित विषय लेकर कुछ करना चाहती हैं। इसके बाद IAS बनना उनका सपना है। अब वह आगे चलकर गणित सब्जेक्ट के साथ पढ़ाई पूरी करेंगी। प्रज्ञा ने आईएएस अफसर बनने का सपना देखा है। इसे पूरा करने के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। 

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