रूठे पत्थर को मनाने पहुंचे 84 गांवों के हजारों लोग..कहते हैं इस नुकीले पत्थर को हिलाने से होती है बारिश

अच्छी बारिश की कामना को लेकर कई तरह के टोटके अपनाए जाते हैं। लोग पूजा-अर्चना करते हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के तमाम गांवों में जोरदार बारिश के लिए एक परंपरा चली आ रही है। यहां एक पहाड़ पर चढ़कर वहां पूजा-अर्चना की जाती है। यहां रखे पत्थर को भीमसेन कहते हैं। मान्यता है कि जब इस रूठे पत्थर को लोग मना लेते हैं, तो इंद्र भी प्रसन्न होकर झमाझम बारिश करते हैं। इस साल भी मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने भीमसेन पहाड़ उदेल में पहुंचकर पूजा-अर्चना की।

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2020 6:09 AM IST / Updated: Jul 29 2020, 11:41 AM IST

बस्तर, छत्तीसगढ़. अच्छी बारिश खुशहाली का सूचक होती है। दुनियाभर में बारिश की कामना को लेकर अलग-अलग धर्मों में उनकी परंपराओं के हिसाब से दुआएं की जाती हैं। अच्छी बारिश की कामना को लेकर कई तरह के टोटके भी अपनाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के तमाम गांवों में जोरदार बारिश के लिए एक परंपरा चली आ रही है। यहां एक पहाड़ पर चढ़कर वहां पूजा-अर्चना की जाती है। यहां रखे पत्थर को भीमसेन कहते हैं। मान्यता है कि जब इस रूठे पत्थर को लोग मना लेते हैं, तो इंद्र भी प्रसन्न होकर झमाझम बारिश करते हैं। इस साल भी मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने भीमसेन पहाड़ उदेल में पहुंचकर पूजा-अर्चना की।
 


भीमसेन पत्थर पर खेत का कीचड़ लगाकर नहलाते हैं
भीमसेन पहाड़ कुआकोंड परगना में आता है। यहां के 84 गांवों के लोग मानते हैं कि भीमसेन पहाड़ की पूजा-अर्चना करने से अच्छी बारिश होती है। इसी कामना को लेकर मंगलवार को सैकड़ों लोग भीमसेन पहाड़ पहुंचे। मान्यता है कि भीमसेन पत्थर पर खेत का कीचड़ लगाने के बाद नहलाने से अच्छी बारिश होती है। इस दौरान पुजारियों ने पूजा-अर्चना की। दरअसल, इस सावन में अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। गांववालों का मानना है कि जब भीमसेन पत्थर रूठ जाता है, तो ऐसा होता है। अगर उसे मना लिया जाए, तो इंद्र भी प्रसन्न हो जाते हैं। पहाड़ा पर स्थित भीमसेन एक नुकीला पत्थर है। मान्यता है कि लोग जब इसे हिलाते हैं, तो बारिश होने लगती है। यह जगह जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर है।


 

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