दंतेवाड़ा में खिलौना समझ बम से खेल रहे थे बच्चे, गेंद की तरह हवा में उछाल रहे थे, ग्रामीण पहुंचे तो होश उड़े

जानकारी के मुताबिक घनी झाड़िया होने के चलते इस बम का इस्तेमाल बस्तर के जंगलों में नहीं हो पाता। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब यहां यह बम कारगर नहीं तो फिर यह आया कहां से? क्योंकि इसका ज्यादातर इस्तेमाल खुले इलाके में होता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2022 8:56 AM IST / Updated: Apr 30 2022, 02:49 PM IST

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में बड़ा हादसा होने से उस वक्त टल गया जब एक गांव के बच्चे बम से खेलते पाए गए। दरअसल, यहां के एक गांव के खेत में चार पैरा बम पड़े थे। तभी वहां आंगनबाड़ी के कुछ बच्चे पहुंच गए और बम को खिलौन समझ उसे हाथों में उठा लिया। फिर बच्चे इन्हीं बम से खेलने लगे। थोड़ी ही देर हुआ था कि तभी वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहुंच गई और उसने बच्चों से बम फेंकवाए और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। BDS यानी बम निरोधक दस्ता वहां पहुंचा और बम को नष्ट किया। गांव में ये बम कहां से आए पुलिस इसकी जांच कर रही है।

बम से खेल रहे थे बच्चे
मामला जिले के चूडिटिकरा-मांझीपदर इलाके का है। सभी बम यहीं के खेतों में मिले। शुक्रवार दोपहर का वक्त था। आंगनबाड़ी के बच्चे खेलते-खेलते खेत तक पहुंच गए। वहां उन्हें बम दिखाई दिए। बच्चों को लगा कोई खिलौना है। उन्होंने झटपट बम को हाथों में उठा लिया। गेंद की तरह उससे खेलने लगे। इसके थोड़ी ही देर बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नजर बच्चों पर पड़ गई। इसके बाद वह घबरा गई। दौड़कर बच्चों के हाथों से बम दूर फेंका और गांव वालों को इसकी जानकारी दी।

सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची
इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ग्रामीणों की तरफ से मिली सूचना के तत्काल बाद वहां जवानों को भेजा गया। गनीमत रही कि सभी बम एक्सपायर थे। बम को नष्ट किया गया। पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ये बम यहां तक कैसे पहुंचे?

पैरा बम क्या होता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पैरा बम को जवान सर्चिंग पर निकलते वक्त अपने पास रखते हैं। इसका इस्तेमाल रोशनी के लिए किया जाता है। यह ज्यादा खतरनाक नहीं होता। मुठभेड़ के वक्त इसको आसमान की ओर छोड़ जाता है। कुछ मीटर जाने के बाद इसमें से रोशनी निकलती है और फिर यह फटता है। इसकी रोशनी इतनी होती है कि अगर कोई दुश्मन झाड़ियों या अंधेरे में छिपा हो तो वह दिख जाता है।

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