जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कोड़े बरसाने लगा यह शख्स, दर्द सहकर भी मुस्कुराते रहे सीएम, जानें पूरा मामला..

सीएम गोवर्धन पूजा के लिए जंजगिरी गांव पहुंचे थे। यहां के एक ग्रामीण ने सीएम बघेल के हाथ पर कूस से बने सोटे से कई बार प्रहार किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भी मुस्कुराते दिखे। उन्होंने सोटे मारने वाले शख्स को नमस्कार भी किया।

Asianet News Hindi | Published : Nov 5, 2021 8:48 AM IST

दुर्ग : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने दिवाली (Diwali 2021) के दूसरे दिन एक परंपरा निभाते हुए सोटों की मार सही। सीएम गोवर्धन पूजा (govardhan puja 2021) के लिए दुर्ग (Durg) जिले के जंजगिरी गांव पहुंचे थे। यहां के एक ग्रामीण ने सीएम बघेल के हाथ पर कूस से बने सोटे से कई बार प्रहार किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भी मुस्कुराते दिखे। उन्होंने सोटे मारने वाले शख्स को नमस्कार भी किया। इसके बाद सीएम ने गांव में पूजा की। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां मौजूद रहे। 

यह पुरानी परंपरा है
दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है। गौरा गौरी की पूजा की जाती है। मुख्यमंत्री हर साल यह परंपरा निभाते हैं। इस बार कार्यक्रम में एक बैगा समुदाय के सदस्य ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों पर 8 बार कोड़ेनुमा सोटे से वार किया। मान्यता है कि ऐसा करने से किसी भी तरह की समस्या दूर रहती है और खुशहाली आती है। प्रदेश की मंगल कामना और शुभ के लिए इस बार सीएम ने जंजगिरी में सोटा प्रहार सहने की परंपरा निभाई। ग्रामीण बताते हैं कि यह प्राचीन परंपरा है कि इस तरह सोटे का प्रहार विघ्नों का नाश करने वाला है। साथ ही सुख और समृद्धि लेकर आता है।

Latest Videos

 

मुख्यमंत्री ने की मंगलकामना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर ग्रामीणों से कहा कि हर साल भरोसा ठाकुर प्रहार करते थे। अब यह परंपरा उनके पुत्र बीरेंद्र ठाकुर निभा रहे हैं। ग्रामीणों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश की समृद्धि की परंपरा की पूजा है, जितना समृद्ध गोवंश होगा उतनी ही हमारी तरक्की होगी। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा इतनी लोकप्रिय होती है। लोग साल भर इसका इंतजार करते हैं। एक तरह से यह पूजा गोवंश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक भी है।

लक्ष्मी पूजन की रात गौरा-गौरी की स्थापना
छत्तीसगढ़ में परंपरा रही है कि लक्ष्मी पूजन की रात गौरा-गौरी की स्थापना होती है, जिसका आयोजन आदिवासी समाज द्वारा किया जाता है। इस मौके पर नाच-गाने का कार्यक्रम भी होता है और दूसरे दिन गोवर्धन पूजा गोठान दिवस को तौर पर मनाई जाती है। सालों से यह परंपरा आदिवासी समाज मनाते आ रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री समेत बड़े नेता भी इसमें शिरकत करते हैं।

इसे भी पढ़ें-PM Modi in Kedarnath: जानिए मोदी के 5 दौरों में क्या रहा खास और क्या मिलीं सौगातें

इसे भी पढ़ें-Kedarnath Dham:आस्था-विश्वास का अनूठा संगम है केदारनाथ धाम, पांडवों को मिला था शिव का आशीर्वाद, जानें मान्यता

Share this article
click me!

Latest Videos

Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, , Joe Biden - PM Modi ने पक्की की डील