Good News: DCGI ने इंट्रानैसल बूस्टर डोज ट्रायल के लिए भारत बायोटेक को परमिशन दी

कोरोना संक्रमण(corona infection) के खिलाफ जारी लड़ाई में एक नई पहल हुई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इंट्रानैसल बूस्टर डोज ट्रायल के लिए भारत बायोटेक को परमिशन दे दी है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2022 7:54 AM IST / Updated: Jan 28 2022, 01:27 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण(corona infection) के खिलाफ जारी लड़ाई में एक नई पहल हुई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इंट्रानैसल बूस्टर डोज ट्रायल के लिए भारत बायोटेक को परमिशन दे दी है। बता दें कि 26 दिसंबर, 2021 को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा था कि जल्द ही भारत में कोरोना के नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) का इस्तेमाल शुरू होगा। दरअसल, नेजल वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू होने से बच्चों के टीकाकरण में सुविधा मिलेगी। अभी कोरोना का टीका लगाने के लिए इंजेक्शन दिया जाता है। इंजेक्शन से बहुत से लोग डरते हैं। बच्चों को इसके लिए तैयार करना आसान नहीं होता। इसकी तुलना में नेजल वैक्सीन का इस्तेमाल आसान है।

वैक्सीन के प्रॉडक्शन पर तेजी से काम
भारत में नेजल वैक्सीन के विकास पर भारत बायोटेक द्वारा काम किया जा रहा है। क्लिनिकल ट्रायल के बीच भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन (Intranasal Vaccine) की बूस्टर डोज के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को फेज 3 क्लीनिकल ट्रायल का आवेदन दिया था। देश में ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए नेजल वैक्सीन के निर्माण पर काम तेज कर दिया गया है।

श्वसन तंत्र में इम्युनिटी बनाएगा नेजल वैक्सीन
बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रमण इंसान के श्वसन तंत्र में होता है। वायरस नाक के अंदरुनी हिस्से और फेफड़े में फैलता है। वायरस के गंभीर संक्रमण के मामलों में फेफड़े इस कदर खराब हो जाते हैं कि मरीज की जान चली जाती है। इंजेक्शन के माध्यम से कोरोना का टीका दिए जाने पर उसमें मौजूद तत्व खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैलते हैं और शरीर का इम्यून सिस्टम कोरोना के हमले के खिलाफ तैयार होता है। 

नेजल वैक्सीन दिए जाने पर टीका के सीधे नाक के अंदरुनी हिस्से में पहुंचेगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इम्युनोलॉजिस्ट जोस ऑर्दोवास मॉनटेन्स के अनुसार वायरस के खिलाफ लड़ाई मजबूत बनाने के लिए टीका वहीं लगाना होगा जहां से वायरस शरीर में प्रवेश कर रहा है। टीका सीधे नाक से दिया जाए तो नाक, श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से के साथ फेफड़ों में मजबूत इम्युनिटी बनेगी। इसके साथ ही एंटीबॉडीज और टी-कोशिकाएं भी अपना काम करेंगी। वायरस जब ना से प्रवेश करेगा तभी नाक में मौजूद प्रतिरोधक तंत्र उसे निष्क्रिय कर देगा।

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