
नई दिल्ली. दुनिया के तमाम देशों में कोरोना संक्रमण (corona virus) पीक पर पहुंच चुका है। चूंकि इसका असर खतरनाक तौर पर नहीं देखा जा रहा है, लेकिन जिस गति से केस बढ़े हैं, उसे देखते हुए WHO ने चेताया है कि ओमिक्रोन को हल्के में न लें, क्योंकि खतरा अभी गया नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के महानिदेश टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने दुनिया को चेतावनी दी है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को हल्के में न लें। कुछ देशों में ये महामारी भले पीक को पार गई है, जिससे उम्मीद है कि सबसे बुरा दौर गुजर चुका है, लेकिन संभल कर रहें, खतरा अभी गया नहीं है।
एक हफ्ते में 1.80 करोड़ केस मिले
WHO चीफ ने ओमिक्रोन को हल्के में न लेने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आप कोरोना या उसके नए वेरिएंट को हल्के में ले रहे हैं, तो संभल जाइए। क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। दुनिया में पिछले एक हफ्ते में करीब एक करोड़ अस्सी लाख केस मिले हैं। अगर हम भारत की बात करें, तो दिसंबर, 2021 के बाद से यहां लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता गया। हालांकि पिछले कुछ दिनों से संक्रमण की स्पीड कुछ कम हुई है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में लोग केस कम होते ही बेपरवाह होने लगे हैं। WHO ने कहा कि कोरोना महामारी दुनिया से अभी गई नहीं है। बल्कि यह ओमिक्रोन के रूप में फैल रही है।
अगर दुनिया का आकलन करें
पिछले हफ्ते के मुकाबले कजाकिस्तान में इस हफ्ते कोरोना के 671 प्रतिशत ज्यादा केस दर्ज किए गए। जबकि यही आंकड़ा पेरू में 191 फीसदी अधिक रहा। चिली में 135 फीसदी, इक्वाडोर में 183 फीसदी, ट्यूनिशिया में 166 फीसदी, जबकि बांग्लादेश में 224 फीसदी केस अधिक दर्ज किए गए। टेड्रोस ने चेतावनी लफ्जों में कहा कि बेशक कुछ देशों में ये महामारी पीक को पार कर गई है। इससे उम्मीद है कि सबसे बुरा दौर बीत चुका है, लेकिन कोई भी देश महामारी से मुक्त नहीं हुआ है। WHO ने वैक्सीन की कमी वाले देशों को लेकर चिंता जताई।
Omicron से जूझने वाले इस देश ने टेस्टिंग-ट्रेसिंग को रोका
ओमीक्रोन (Omicron) के कहर से जहां दुनिया के तमाम देश तबाह हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने कोविड-19 (Covid-19) के जांच और क्वारंटीन (quaratine) पर रोक लगा दी है। कोविड-19 प्रोटोकाल अपनाने की बजाय साउथ अफ्रीका सरकार ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के व्यवाहारिक दृष्टिकोण को अपनाने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि प्रतिबंधों की वजह से लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे देश-समाज प्रभावित हो रहा। सरकार ने कहा कि किसी प्रतिबंध की बजाय अब वायरस के साथ जीने के तरीकों की तलाश करना ज्यादा जरूरी है।
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