कैंसर के साथ लड़ते-लड़ते भारत को दिलाई थी वर्ल्ड कप में जीत, इस खिलाड़ी को फिर भी नहीं मिली सम्‍मान से विदाई

आज भारत के सबसे जोशीले पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह का जन्मदिन है।

नई दिल्ली: भारतीय टीम के सुपरस्टार रहे मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज युवराज सिंह आप अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में जन्मे इस सुपरस्‍टार खिलाड़ी ने भारतीय फैंस को एक नहीं दो नहीं बल्कि चार वर्ल्ड कप जीत के तोहफे दिए। युवराज ने वैसे तो क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन जब वे मैदान पर उतरते थे तो उन्हें खेलता देखने के लिए दर्शक सब काम छोड़ देते थे। 

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में डेब्‍यू के बाद युवराज भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर की जान बन गए। फिर 2007 वर्ल्‍ड टी20 हो या 2011 का वर्ल्‍ड कप, इस खिलाड़ी ने अपने खेल से विरोधी टीमों को नेस्‍तनाबूद कर दिया। मजेदार बात यह है कि युवराज ने अपने करियर में 4 वर्ल्‍ड कप जीते। अंडर 19, टी20 वर्ल्‍ड कप और वनडे वर्ल्‍ड कप के बारे में तो सबको पता है लेकिन युवराज अंडर 16 वर्ल्‍ड कप जीतने वाली टीम के भी सदस्‍य थे। युवराज सिंह के पिता का पिता का नाम योगराज सिंह हैं। जो एक क्रिकेटर भी रहे हैं। इसके अलावा वह पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के एक जाने माने एक्टर भी है।

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अंडर 16 लेवल पर मैन ऑफ द सीरीज चुने गए 

युवराज सिंह ने पहला वर्ल्ड कप अंडर 16 लेवल पर खेला था। इस टूर्नामेंट वह मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। इसके बाद साल 2000 में कोलंबो में खेले गए अंडर 19 वर्ल्ड कप में भी युवराज सिंह ने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन कर भारत को जीत दिलाई थी। उन्‍होंने इस टूर्नामेंट में 200 से ज्यादा रन बनाने के साथ 12 विकेट हासिल किए थे और वह मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे

वर्ल्‍ड टी20 में युवराज का तूफानी अंदाज

युवराज सिंह ने साल 2007 में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप में भी भारत को चैंपियन बनाया था। युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों में 6 छक्के लगाकर इतिहास रचा था, साथ ही उन्होंने महज 12 गेंदों में अर्धशतक लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया था। सेमीफाइनल में उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 30 गेंदों में 5 छक्‍कों की बदौलत 70 रन की पारी खेलकर टीम को फाइनल में पहुंचाया था। इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह बेस्ट बल्लेबाज चुने गए थे।

कैंसर से लड़ी जंग

युवराज सिंह को वनडे विश्व कप के बीच में ही अंदाजा हो गया था कि वो बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन उसको उजागर करने के बजाय उन्होंने देश के लिए खेलते रहने का फैसला किया और अंत में भारत जीता और वो टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी बनकर उभरे।

शिकायतों के साथ विदा हुए युवराज

करियर के ढलान पर युवराज सिंह को काफी शिकायतें रहीं। 2019 में जब उन्‍होंने संन्‍यास का ऐलान किया तब उन्‍होंने कहा था कि अच्‍छा प्रदर्शन करने और टीम इंडिया के चयन के बाकी मानकों पर खतरा उतरने के बावजूद उन्‍हें मौका नहीं मिला। युवराज सिंह ने साफ कहा कि चयनकर्ताओं की ओर से उन्‍हें कोई स्‍पष्‍ट बात नहीं कही गई। उन्‍हें रिटायरमेंट को लेकर कोई फेयरवेल मैच भी नहीं मिला और भारत को वर्ल्‍ड कप चैंपियन बनाने वाला शख्‍स बिना किसी सम्‍मानजनक विदाई के दूर चला गया।

(फाइल फोटो)

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