Chandra Grahan 2022 A-Z: चंद्र ग्रहण और सूतक का समय, राशियों पर असर, क्या करें-क्या नहीं? जानें हर बात

Chandra Grahan 2022: साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज यानी 8 नवंबर, मंगलवार को होने जा रहा है। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसकी धार्मिक मान्यताएं जैसी सूतक आदि मानी जाएंगी। ग्रहण का सूतक सुबह से ही शुरू हो जाएगा।
 

उज्जैन. जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो कुछ देर के लिए चंद्रमा धुंधला दिखाई देने लगता है या इसका कुछ हिस्सा थोड़ी देर के लिए अदृश्य हो जाता है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस बार साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) 8 नवंबर, मंगलवार को होने जा रहा है। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सुबह से ही सूतक भी लग जाएगा। सूतक काल के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही है। आगे जानिए 8 नवंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर खास बात…

भारत में ग्रहण कब से कब तक? (Chandra Grahan 2022 Timing In India)
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त के अनुसार, भारत में चंद्र ग्रहण दोपहर 2.38 से शुरू होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में शाम 4.23 पर दिखाई देगा। देश में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। ग्रहण का समापन शाम 6.19 पर होगा। इसके बाद उपच्छाया चंद्र ग्रहण शाम 7.26 बजे तक रहेगा, लेकिन इसकी कोई मान्यता नहीं रहेगी।

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क्या भारत में इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता रहेगी?
ये ग्रहण पूरे भारत में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण रूप से दिखई देगा। इसलिए यहां इसकी इसकी धार्मिक मान्यताएं जैसे सूतक आदि मान्य रहेंगी। यानी 8 नवंबर, मंगलवार की सुबह से ही सूतक संबंधित सभी नियमों का पालन करना जरूर होगी। धार्मिक के साथ-साथ ज्योतिषी प्रभाव भी सूर्य ग्रहण का मान्य रहेगा।

कब से कब तक रहेगा सूतक? (Chandra Grahan 2022 Sutak Timing)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। इस दृष्टि से इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 6.38 बजे से शुरू हो जाएगा और शाम को 6.19 पर ग्रहण समाप्त होने के साथ ही खत्म भी हो जाएगा। सूतक काल के दौरान कुछ विशेष काम जैसे खाना बनाना, खाना खाना, पूजा करना आदि की मनाही रहती है।

सूतक काल के दौरान क्या करें-क्या नहीं? (Do's and don'ts during lunar eclipse?)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए, लेकिन गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के पर ये नियम मान्य नहीं है। ये लोग परिस्थिति अनुसार निर्णय ले सकते हैं। सूतक काल में भगवान की पूजा भी न करें। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। धारदार चीजों का उपयोग भी सूतक काल में न करें।

सूतक काल के बाद क्या करें? (What to do after lunar eclipse?)
ग्रहण शाम 6.19 पर समाप्त हो जाएगा। इसके बाद स्नान करें और घर को भी अच्छी तरह से धोएं। भगवान की प्रतिमाओं को स्नान करवाएं और पूजा करें। ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को दान करें। इन सभी कामों को करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कुछ कम हो सकता है।

किन-किन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण? (In which countries will the lunar eclipse be visible?)
8 नवंबर, मंगलवार को होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में तो दिखाई देगा ही, साथ ही अन्य देशों में भी ये दृश्य होगा। ये देश हैं- दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के कुछ क्षेत्र।   

किस राशि पर कैसा होगा ग्रहण का असर? (effect of lunar eclipse on zodiac signs)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 8 नवंबर को होने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि में होगा। इस ग्रहण का सबसे अधिक अशुभ प्रभाव मेष, वृषभ, कन्या और वृश्चिक राशि वालों पर होगा। अन्य राशि मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन वालों पर इसके शुभ या मिले-जुले प्रभाव देखने को मिलेंगे।

भारत के किन हिस्सों में दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण? (Where will the total lunar eclipse be visible?)
वैसे तो ये ग्रहण भारत में अधिकांश स्थानों पर आंशिक रूप से दिखाई देगा, लेकिन ईटानगर, कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची और कटक में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में सबसे पहले शाम 4.23 पर पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।

ग्रहण के समय ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय तुला राशि में त्रिग्रही योग बनेगा। इस राशि में बुध, सूर्य और शुक्र ग्रह एक साथ रहेंगे, जिसके चलते बुधादित्य और लक्ष्मीनारायण योग इस समय बनेंगे। शनि स्वराशि मकर में और गुरु भी स्वराशि मीन में रहेगा। चंद्रमा और राहु मेष राशि में, मंगल मिथुन राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे।

अब कब बनेगा देव दीपावली पर ग्रहण का संयोग?
कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली पर चंद्र ग्रहण का संयोग इसके पहले 2012 और 1994 में भी बन चुका है। अगले ऐसा संयोग 18 साल बाद यानी 2040 में देखने को मिलेगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा।


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