जानिए गुजरात चुनाव में दूसरे चरण में किन जिलों में सबसे कम और कहां सबसे अधिक वोटिंग हुई

Published : Dec 06, 2022, 12:21 PM IST
जानिए गुजरात चुनाव में दूसरे चरण में किन जिलों में सबसे कम और कहां सबसे अधिक वोटिंग हुई

सार

Gujarat Assembly Election 2022: चुनाव आयोग के अनुसार, गुजरात चुनाव में दूसरे चरण में महीसागर जिले में सबसे कम वोटिंग हुई। इसके बाद अहमदाबाद में महीसागर से केवल एक प्रतिशत अधिक वोटिंग हुई। वहीं, बनासकांठा में सबसे अधिक वोटिंग हुई। 

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में दूसरे और अंतिम चरण में सोमवार, 5 दिसंबर को उत्तर और मध्य गुजरात के 14 जिलों की 93 सीटों पर वोटिंग हुई। इस बार पिछले विधानसभा चुनाव से कम वोटिंग दर्ज हुई, जिसको लेकर गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी पी. भारती का बयान आया है। भारती ने कहा कि राज्य में हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर वोटिंग शांतिपूर्ण रही। बता दें कि राज्य में दोनों चरणों में मिलाकर सभी 182 सीटों पर वोटिंग खत्म हो गई है। रिजल्ट 8 दिसंबर को जारी होगा। 

चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में जहां इस बार 63.31 प्रतिशत वोटिंग हुई वहीं, दूसरे चरण में यह आंकड़ा करीब 61 प्रतिशत रहा। पी. भारती के अनुसार, मेहसाणा जिले के तीन गांव के छह पोलिंग बूथ पर पांच हजार दो सौ वोटर्स ने वोट नहीं किया। ये सभी अपनी मांगें नहीं माने जाने से नाराज थे। आयोग के अनुसार, साबरकांठा जिले में सबसे अधिक 68.33 प्रतिशत वोटिंग हुई। 

महीसागर में सबसे कम वोटिंग हुई 
वहीं, दूसरे नंबर पर बनासकांठा में वोटिंग दर्ज की गई। यहां 65.65 प्रतिशत वोटिंग हुई। वहीं, महीसागर जिले में सबसे कम वोटिंग हुई। यहां 54.26 प्रतिशत वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वहीं, अहमदाबाद में महीसागर से करीब एक प्रतिशत अधिक वोटिंग हुई। यहां 55.21 प्रतिशत वोटिंग हुई। इसके अलावा, वडोदरा जिले में 63.91 प्रतिशत वोटिंग हुई। 

दाहोद और कलोल में हुई थी झड़प 
चुनाव आयोग के अनुसार, गुजरात चुनाव में 5 दिसंबर को हुई दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान राज्य के दाहोद जिले की फतेपुरा विधानसभा सीट पर और गांधीनगर जिले में कलोल विधानसभा सीट पर अलग-अलग गुटों में झड़प हुई थी। वहीं, पंचमहल जिले में कांग्रेस उम्मीदवार प्रभातसिंह चौहान की कार पर कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। वोटिंग प्रॉसेस में 87 बैलेट यूनिट, 88 कंट्रोल यूनिट और 282 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स यानी वीवीपैट बदले गए थे। 
 

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