Gujarat: निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मजदूर ने चुनाव आयोग के पास जमा किए 1 रुपए के 10 हजार सिक्के

गांधीनगर उत्तर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे महेंद्र पाटनी ने एक-एक रुपए के 10 हजार सिक्के जमानत की राशी के रूप में चुनाव आयोग के पास जमा किए हैं। 
 

अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा के चुनाव (Gujarat Election 2022) हो रहे हैं। इस चुनाव में एक से एक करोड़पति उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। वे जीत पाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। इस बीच एक मजदूर महेंद्र पाटनी का चुनाव लड़ना चर्चा में है। 

महेंद्र पाटनी गांधीनगर उत्तर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग के पास जमानत के रूप में 10 हजार रुपए जमा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इसके लिए उन्होंने चंदा जुटाया। एक-एक रुपए के 10 हजार सिक्के लेकर महेंद्र चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचे तो सरकारी कर्मचारी हैरान रह गए। कर्मचारियों ने 10 हजार सिक्के जमा लिए, जिसके बाद महेंद्र के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हुआ। 

Latest Videos

तोड़ दी गई थी महेंद्र की झुग्गी
महेंद्र पाटनी गुजरात की राजधानी गांधीनगर के जिस झुग्गी बस्ती में रहते थे उसे 2019 में एक होटल बनाने के लिए तोड़ दिया गया था। महेंद्र ने कहा कि तीन साल पहले गांधीनगर में महात्मा मंदिर के पास स्थित झुग्गी बस्ती को उजाड़ दिया गया था। उस बस्ती में मेरी भी झुग्गी थी। बस्ती में 521 झोपड़ियां थी। बस्ती के लोगों ने मुझे अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ने के लिए कहा है।

महेंद्र ने कहा, "मैं एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं। मैं मजदूर हूं। 521 झोपड़ियों को एक बड़े होटल के लिए रास्ता बनाने के लिए तोड़ दिया गया था। इसके चलते हम विस्थापित हो गए थे। हम जहां रह रहे हैं वहां पानी और बिजली की सुविधा नहीं है। मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे। झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और मजदूरों ने एक-एक रुपए चंदा कर 10 हजार रुपए जुटाए ताकि मैं चुनाव लड़ सकूं।" 

चुनाव आने पर नेता वादा करने आते हैं फिर भूल जाते हैं
महेंद्र ने कहा, "जब चुनाव आते हैं तो सरकार के प्रतिनिधि और नेता हमारी बस्ती में आते हैं। वे वादे करते हैं और चुनाव के बाद भूल जाते हैं। 1990 से हमारे साथ ऐसा ही हो रहा है। मुझे ऐसे लोग समर्थन दे रहे हैं जो चाहते हैं कि सरकार उनकी कुछ जरूरी मांगों को पूरा करे। अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है तो मुझे चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार हमें रहने के लिए एक स्थायी जगह दे ताकि हमें बार-बार विस्थापन का सामना न करना पड़े।"

यह भी पढ़ें- गुजरात मा का बा.. गुजरात मा मोदी छे, नेहा ने भोजपुरी में पूछा सवाल, रविकिशन ने गुजराती में दिया जवाब

महेंद्र ने कहा कि हम सरकार से नियमित उत्पीड़न के मुद्दे को हल करने की भी मांग करते हैं। दिहाड़ी मजदूरों को सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। सब्जी और छोटे-मोटे सामान बेचकर गुजारा करने वाले लोगों के ठेले और गाड़ियों को जब्त कर लिया जाता है। उसे छुड़ाने के लिए 2500-3000 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

यह भी पढ़ें- गुजरात चुनाव ड्यूटी से हटाए गए अभिषेक का आया जवाब, जानिए अपनी सफाई में उन्होंने क्या कहा
 

Share this article
click me!

Latest Videos

जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC