Himachal Pradesh Assembly Election 2022: भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे महेश्वर सिंह को पार्टी ने पहले टिकट दिया और बाद में काट दिया। महेश्वर सिंह ने इसकी परवाह नहीं की और निर्दलीय पर्चा भर दिया। अब जब तैयारी उन्होंने शुरू कर दी, तो केंद्र में हाईकमान उन्हें बातचीत के लिए बुला रहा है।
शिमला। Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार एक प्रत्याशी के लिए गजब स्थिति बन गई। दरअसल, इस प्रत्याशी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया और चुनावी तैयारी में जुटने को कहा। प्रत्याशी ने सब काम पूरे कर लिए। नामांकन वाले दिन समर्थक आ गए जुलूस में शामिल होने के लिए। उनके लिए नाश्ते-पानी का इंतजाम हुआ। ढोल-ताशे और नगाड़े वाले भी बाहर इंतजार कर रहे थे कि कब प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ निर्वाचन कार्यालय तक चलें और वापस आएं, जिससे वे भी जल्दी फ्री हो जाएं।
प्रत्याशी महोदय नामाकंन के लिए अपने पर्चे के सेट को अंतिम रूप दे रहे थे और दस्तावेज चेक कर रहे थे। बाकी तैयारी पूरी कर ली गई थी, तभी प्रत्याशी का फोन बजा। यह पार्टी कार्यालय से था। प्रत्याशी ने बस यह बताने के लिए फोन उठाया कि अब निकल रहे हैं, तभी दूसरी ओर से कहा गया, रहने दीजिए। सॉरी, इस बार टिकट गया। यह सुनते ही प्रत्याशी सन्न रह गए। बात परिजनों और समर्थकों को पता चली तो सब हैरान कि अंत में ये क्या हो गया।
पार्टी ने टिकट काटा तो निर्दलीय भरा पर्चा
हालांकि, प्रत्याशी बड़े खिलाड़ी हैं। वे निर्णय कर चुके थे। उन्होंने संभलते हुए तुरंत ऐलान कर दिया, सब कुछ पहले जैसे ही होगा। बस, पार्टी की जगह वे निर्दलीय पर्चा भरेंगे। यह वहां मौजूद लोगों के लिए दूसरा झटका था, मगर इस झटके से वे खुश थे और सहमत भी। इसके बाद प्रत्याशी तुरंत समर्थकों के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पर्चा भरा और जुलूस के साथ वापस घर लौट आए। चुनाव की तैयारी में और जोरशोर से जुटे हैं। दरअसल, पूरा मामला कुल्लू का है, जहां भाजपा ने तीन बार के सांसद रहे महेश्वर सिंह को विधानसभा का टिकट दिया था, मगर दो घंटे पहले ही काट दिया। महेश्वर की जगह पार्टी ने नरोत्तम ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है।
कहीं बेटे की वजह से तो नहीं कटा टिकट
हालांकि, पार्टी ने ऐन वक्त पर टिकट क्यों काटा, इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा, मगर अंदरखाने में जो चर्चा है, उसके मुताबिक महेश्वर के बेटे हितेश्वर ने बंजार सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। पार्टी ने पिता महेश्वर से कहा था कि बेटे को समझा लें। बेटा नहीं माना तो पिता को इसकी सजा दी गई। महेश्वर तीन बार सांसद के अलावा कुल्लू से भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं और जीत भी चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि पार्टी को वे कितना नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि यहां 68 सीटों पर कुल 561 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार एक चरण में वोटिंग होगी। मतदान 10 नवंबर को है, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी।इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
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