लोकतंत्र मजबूत करने को दुर्गम रास्तों से पोलिंग बूथों पर पहुंची थीं टीमें, कई किमी पैदल चले.. पहाड़ भी चढ़े

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: चुनाव आयोग को इस पहाड़ी राज्य के ऊंचाई वाले इलाके में भी बर्फबारी के बीच पोलिंग बूथ बनाना पड़ा और मतदान अधिकारियों को बर्फ से ढके इस विधानसभा क्षेत्र में भेजना पड़ा, जिससे सभी के वोटिंग के अधिकार को पूरा किया जा सके और लोकतंत्र को मजबूत किया जा सके। 

Ashutosh Pathak | Published : Nov 12, 2022 11:54 AM IST

शिमला। Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में आज, 12 नवंबर को एक चरण में वोटिंग हुई, मगर इसे सुकशल संपन्न कराने के लिए हजारों मतदान कर्मी लगे। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी ड्यूटी निभाई। दुर्गम रास्तों से होते हुए पोलिंग बूथ तक पहुंचे। यहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ उफनती नदी। कई-कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। पहाड़ों पर चढ़ाई करनी पड़ी, तब जाकर 14वीं विधानसभा के लिए वोटिंग संपन्न हुई और लोकतंत्र मजबूत हुआ। 

हिमाचल प्रदेश में चुनाव संपन्न कराना आसान काम नहीं। शिमला से लेकर लाहौल स्पीति में बर्फीले इलाकों तक शाम तीन बजे तक करीब 30 लाख लोगों ने वोट डाल दिया था। इस बार चुनाव आयोग ने तीन सहायक पोलिंग बूथ सहित कुल 7884 मतदान केंद्र स्थापित किए। दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ पर सकुशल वोटिंग संपन्न हुई। लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में एक पोलिंग बूथ 15,256 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया। यह दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। 

स्पीति में कुल 92 पोलिंग बूथ 

ताशीगंग मतदान क्षेत्र में केवल 52 वोटर्स के नाम दर्ज हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए वोटिंग को आसान बनाने के उद्देश्य से इसे आदर्श पोलिंग बूथ बनाया गया है। लाहौल-स्पीति जिले में कुल 92 मतदान केंद्र हैं और यह संख्या राज्य में किसी भी अन्य जिले में सबसे कम हैं।  राज्य के दूरदराज वाले इलाके में चंबा जिला भी शामिल है। यहां सबसे अधिक 1,459 वोटर हैं। भरमौर एसी का 26-चस्क भटोरी मतदान केंद्र चंबा जिले में सबसे दूर और ऊंचाई वाला पोलिंग स्टेशन है। यहां आने के लिए मतदान कर्मियों को मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। चुनाव आयोग को इस पहाड़ी राज्य के ऊंचाई वाले इलाके में भी बर्फबारी के बीच पोलिंग बूथ बनाना पड़ा और मतदान अधिकारियों को बर्फ से ढके इस विधानसभा क्षेत्र में भेजना पड़ा, जिससे सभी के वोटिंग के अधिकार को पूरा किया जा सके। इस क्षेत्र में मतदान कर्मियों को बर्फ में होते हुए पैदल ही पोलिंग बूथ तक पहुंचना पड़ा था, जिसकी तस्वीर भी पिछले दिनों सामने आई थी। 

खबरें और भी हैं..

इस राज्य में हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड, क्या 'बागी' बनेंगे किंगमेकर?  

भाजपा चाहेगी कुर्सी बची रहे.. जानिए कितनी, कब और कहां रैली के जरिए मोदी करेंगे जयराम ठाकुर की मदद 

Share this article
click me!