हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अभियान तेज कर दिया है। केजरीवाल की पार्टी ने राज्य में शिक्षा से संबंधित गारंटी का वादा किया है। पार्टी राज्य में शिक्षा से जुड़ी 5 गारंटी देने की बात कह रही है।
शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अभियान को तेज करते हुए आम आमदी पार्टी (AAP) ने राज्य के लोगों के लिए 5 शिक्षा संबंधी गारंटी देने का वादा किया है। एक रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब के सीएम भगवंत मान की उपस्थिति में यह वादे गिनाए। इसमें बच्चों के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सभी सरकारी स्कूलों में अच्छी सुविधाएं, निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक, संविदा शिक्षकों को स्थायी बनाना, अधिक शिक्षकों की भर्ती करना और उन्हें केवल शिक्षा से संबंधित कर्तव्यों तक ही सीमित रखना शामिल है।
सिसोदिया ने क्या कहा
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की ओर से मैं हिमाचल प्रदेश के लोगों के सामने 5 शिक्षा गारंटी रख रहा हूं। पहली शिक्षा गारंटी यह है कि हिमाचल प्रदेश में हर बच्चे को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। शिक्षकों की संख्या पर्याप्त की जाएगी। सभी स्कूलों में अच्छी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। दूसरी गारंटी यह है कि दिल्ली की तर्ज पर सभी स्कूलों की स्थिति में सुधार किया जाएगा। जब लोग इन स्कूलों को देखने आते हैं तो कोई नहीं मानता कि वे सरकारी स्कूल हैं। कहा कि अरविंद केजरीवाल की तीसरी गारंटी यह है कि हम निजी स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने देंगे। चौथी गारंटी यह है कि सभी संविदा शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा और शिक्षकों के सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा। पांचवीं गारंटी यह है कि शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। हम इसे 5 साल की अवधि के भीतर लागू करेंगे।
हिमाचल प्रदेश चुनाव जीतना है पार्टी का लक्ष्य
2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीती थीं। हालांकि बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद जयराम ठाकुर को सीएम बनाया गया। दूसरी ओर सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई। पिछले साल कांग्रेस द्वारा फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई की विधानसभा सीटों और मंडी के लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार को झटका लगा था। आप का लक्ष्य है कि हिमाचल प्रदेश में वह प्रमुख ताकत के रूप में उभरना चाहती है। जहां अभी तक द्विपक्षीय लड़ाई थी, वहां आप मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है।
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