सुनील जाखड़ का यह बयान उस वक्त आया, जब कांग्रेस लगातार सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को मजबूत कर रही है। चन्नी दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही अब पार्टी ने उनकी बात को भी पहले से ज्यादा तवज्जो देना शुरू कर दिया है।
चंडीगढ़। पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम पद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब कांग्रेस के सीनियर लीडर सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने एक सनसनीखेज खुलासा करके विवाद को हवा दे दी है। सुनील जाखड़ ने कहा कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया तो सीएम के लिए विधायकों में वोटिंग कराई गई थी। इसमें मेरे बगल में बैठे चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) को सिर्फ 2 वोट मिले थे। जबकि मुझे सबसे ज्यादा करीब 42 विधायकों ने वोट किया था।
जाखड़ का यह बयान उस वक्त आया, जब कांग्रेस लगातार सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को मजबूत कर रही है। चन्नी दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही अब पार्टी ने उनकी बात को भी पहले से ज्यादा तवज्जो देना शुरू कर दिया है। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार संदीप शर्मा कहते हैं कि चन्नी को पार्टी में जिस तरह से समर्थन मिल रहा है, उससे सीनियर लीडर परेशान हैं। हो सकता है सुनील जाखड़ को ज्यादा विधायकों ने सीएम पद की पसंद बताया हो। लेकिन, यह बात उन्हें तब ही बोलनी चाहिए थी। लेकिन, अब तक वह चुप क्यों रहे? इस वक्त क्यों बोल रहे हैं? यह किसी ना किसी स्तर पर दिखाता है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे यह भी देखा जा सकता है कि चन्नी को लेकर पार्टी के नेता सहज नहीं हैं। हालांकि पंजाब में कांग्रेस ने चन्नी पर दांव लगाया है।
जाखड़ एक सौम्य और सुलझे नेता
इसमें कोई दो राय नहीं कि सुनील जाखड़ कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं। वह 2002 से 2017 विधायक रहे हैं। 2017 से 2019 तक गुरदासपुर से सांसद रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे। कांग्रेस का जाना-माना हिंदू चेहरा हैं। बातचीत में सौम्य सुनील जाखड़ की छवि पंजाब में अच्छे वक्ता और सुलझे हुए नेता के तौर पर होती है। उन्होंने हमेशा पार्टी को अपने से ऊपर रखा है। यहां तक कि कैप्टन के साथ तमाम विवादों के बाद भी प्रधान पद पर रहते हुए उन्होंने पार्टी को साध कर रखा।
सुनील जाखड़ खुद नहीं, भतीजे को लड़वा रहे चुनाव
लेकिन अब जिस तरह से सुनील जाखड़ बोल रहे हैं, पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले इसे कांग्रेस के लिए सही नहीं मान रहे हैं। सुनील जाखड़ इस बार स्वयं विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, वह कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के सदस्य हैं। कांग्रेस का टिकट उन्होंने इस बार अपने भतीजे संदीप जाखड़ को दिलवाया है। बता दें कि सुनील जाखड़ पंजाब चुनाव में कैंपेनिंग कमेटी के चेयरमैन हैं और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
सुनील जाखड़ ने बयान दिया है...
सुनील जाखड़ ने कहा कि सीएम के लिए सबसे ज्यादा 42 विधायकों ने मुझे वोट दिया था। जबकि सुखविंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) को 16 वोट और कैप्टन की पत्नी परनीत कौर (Parneet Kaur) को 12 विधायकों ने वोट किया था। 6 वोट नवजोत सिंह सिद्धू को (Navjot Singh Sidhu) और 2 वोट चरणजीत सिंह चन्नी को मिले थे। इसके बाद भी मुझे सीएम नहीं बनाया गया। मुझे इस बात से दिक्कत नहीं है। हालांकि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मुझे बुलाकर डिप्टी सीएम बनने को कहा था, लेकिन मैंने इसके लिए मना कर दिया और हाइकमान को धन्यवाद भी कहा था। उन्होंने कहा कि जिसे मात्र 2 विधायकों ने अपनी पसंद बताया, उसे सीएम बना दिया गया है।
इसलिए चन्नी पर लगी मुहर
बता दें कि सुनील जाखड़ हिंदू हैं और जब पार्टी में सीएम को लेकर मंथन चल रहा था, तब पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी ने यह कहकर बातचीत का रुख मोड़ दिया था कि पंजाब सिख बहुल्य राज्य है। यहां सिख समाज का चेहरा ही सीएम होना चाहिए। माना जाता है कि उसके बाद ही हाइकमान ने सिख समाज के चेहरे पर फोकस बढ़ाया और चन्नी के नाम पर अंतिम मुहर लगाई।
जिसे सिर्फ 2 वोट मिले कांग्रेस ने उसे पंजाब का CM बनाया: सुनील जाखड़