जसबीर सिंह डिंपा, खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की को टिकट दिया जाने से नाराज हैं। वे अपने बेटे उपदेश गिल के लिए पार्टी टिकट की मांग रहे थे। उन्होंने उसका प्रचार भी शुरू कर दिया था। लेकिन पार्टी ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया।
मजीठा (अमृतसर) : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Chunav 2022) में मतदान को महज चंद दिन बचे हैं लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही। एक तरफ पीसीसी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और उनकी पत्नी सीएम फेस को लेकर कांग्रेस (Congress) पर हमलावर हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता और खडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह डिंपा (Jasbir Singh Dimpa)भी पार्टी पर सवाल खड़े करने में लगे हैं।
डिंपा के ट्वीट से बढ़ा सियासी तापमान
दरअसल डिंपा ने मंगलवार को एक ट्वीट किया, जिसने पंजाब कांग्रेस की अंदरुनी कलह को एक बार फिर सामने लाकर खड़ा कर दिया। इस ट्वीट में डिंपा ने लिखा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी से ऊपर उठ कर ईमानदार उम्मीदवारों को वोट करना चाहिए। डिंपा का यह ट्वीट उस वक्त आया, जब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के भतीजे हनी सिंह को रिमांड ईडी को तीन दिन और मिल गया। ईडी की जांच सीएम चरणजीत सिंह चन्नी तक भी आ सकती है। इसी बीच डिंपा ने यह विस्फोट कर दिया।
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पार्टी से नाराज चल रहे हैं डिंपा
जसबीर सिंह डिंपा, खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की को टिकट दिया जाने से नाराज हैं। वे अपने बेटे उपदेश गिल के लिए पार्टी टिकट की मांग रहे थे। उन्होंने उसका प्रचार भी शुरू कर दिया था। लेकिन पार्टी ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया। तभी से वह कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। अब वह अक्सर पार्टी की रैलियों से भी किनारा कर रहे हैं। नौरंगाबाद गांव में पार्टी के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रैली में भी वह शामिल नहीं हुए।
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पहले भी नाराजगी सामने आई थी
डिंपा तब भी खुश नहीं थे जब पार्टी ने उनके प्रतिद्वंद्वी संतोख सिंह भलाईपुर को बाबा बकाला निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया। बाबा बकाला निर्वाचन क्षेत्र डिंपा का गृह क्षेत्र है जहां से वह अपने सहयोगी सतिंदरजीत सिंह छज्जलवाड़ी को पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चाहते थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बाबा बकाला के टिकट के लिए छज्जलवाड़ी का समर्थन किया था। छज्जलवाड़ी बाद में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) में शामिल हो गए थे और वर्तमान में जंडियाला गुरु निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के टिकट पर लड़ रहे हैं। सांसद के इस तरह से बागी होने से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। इस वक्त जब पार्टी को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए, ऐसे में कांग्रेस नेताओं की आपसी मतभेद पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा।
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