यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा बोले- 'विपक्षी दल दिख रहे अलग-अलग, लेकिन हैं सभी मिले हुए'

यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को भाजपा की लखनऊ परिक्षेत्र की बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनावी प्रबंधन के गुण सिखाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देशों को जनता तक लेकर जाना होगा। पिछली बार जहां पर भाजपा के विधायक जीते थे, वहां पर जीत के अन्तर को बढाना है। अगर, कहीं पर कोई कमी हो तो कार्यकर्ताओं को उसको समाप्त कर जनता को अपने पक्ष में सकारात्मकता के साथ जोडना है। इसके साथ ही उन्होंने  विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्षी दल भले ही अलग अलग दिख रहे हैं, लेकिन वे सब मिले हुए है। उनका लक्ष्य किसी भी प्रकार से भाजपा के वोट काटने का है।
 

Pankaj Kumar | Published : Dec 3, 2021 4:28 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh)  में विधानसभा चुनाव(Vidhansabha Chunav 2022)  से पहले सभी राजनीतिक दल बयानबाजी के रंग में रंग में रंगते हुए नजर आ रहे हैं। इसी के चलते शुक्रवार को यूपी के उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा (Dinesh sharma) ने कहा कि भाजपा सरकार (BJP Government) द्वारा कराए गए विकास कार्यों ने विपक्ष की बोलती बन्द कर दी है, इसलिए विपक्ष तमाम तरह के हथकंडे अपना रहा है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिकता को हथियार बनाकर अल्पसंख्यक वोट बैंक बनाने के प्रयास के साथ ही जाति विशेष को दूसरी जाति का डर दिखाकर भी वोट बैंक बनाने का प्रयास हो सकता है। 

'विपक्ष अलग अलग हैं लेकिन एक हैं'- दिनेश शर्मा
राजधानी में भाजपा की लखनऊ परिक्षेत्र की बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनावी प्रबंधन के गुण सिखाते हुए यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्षी दल भले ही अलग अलग दिख रहे हैं, लेकिन वे सब मिले हुए हैं।  उनका लक्ष्य किसी भी प्रकार से भाजपा के वोट काटने का है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने  प्रदेश में पिछला चुनाव विपक्ष में रहते हुए लडा था। इस बार अन्तर यह है कि पार्टी की डबल इंजन की सरकार केन्द्र व राज्य में मौजूद है। अब विपक्ष की चुनौती का सामना पार्टी के सोने जैसे कार्यकर्ता को करना है। पार्टी कार्यकर्ता की क्रियाशीलता के चलते आज विपक्ष में हार का भय व्याप्त है। सरकार द्वारा कराए गए बेमिसाल विकास कार्य उनके हार के भय को कई गुना बढा रहा है।

कार्यकर्ताओं को गिनाए राजनीति के गुण
दिनेश शर्मा ने कहा कि समय के अनुसार चुनाव की रणनीति को बदलकर चुनाव को अपने पक्ष में करना ही रणनीतिक कौशल कहलाता है। इसके लिए पार्टी के निर्देशों को जनता तक लेकर जाना होगा। पिछली बार जहां पर भाजपा के विधायक जीते थे, वहां पर जीत के अन्तर को बढाना है। अगर, कहीं पर कोई कमी हो तो कार्यकर्ताओं को उसको समाप्त कर जनता को अपने पक्ष में सकारात्मकता के साथ जोडना है। पिछले चुनाव में जिस सीट पर जीत नहीं मिली थी, वहां पर इस बार विजय हेतु और अधिक परिश्रम के साथ अभी से लगना पड़ेगा। बूथ स्तर के कार्यकर्ता को सक्रिय होना होगा। 

उप मुख्यमंत्री ने गिनाए सरकार के काम-काज
उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के विकास कार्यो पर चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश में 6 स्थानों पर मेट्रो,  23 स्थानों पर हवाई अड्डे,  प्रदेश में सडकों का जाल, करीब साढे चार लाख को सरकारी नौकरी, 2 करोड लोगों के लिए ओडीओपी के जरिए रोजगार सृजन, साढ़े तीन लाख को संविदा की नौकरी जैसी बातें जनता के बीच में कार्यकर्ता को ही पहुचानी हैं।

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