
David Dhawan Gave up Acting And Took up Direction: वरुण धवन इस समय अपनी हालिया रिलीज रोमांटिक मूवी 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' के लिए तारीफें बटोर रहे हैं। वहीं इस दौरान उनके पिता डेविड धवन के हीरो बनने की कहानी भी खूब चटखारें लेकर सुनी जा रही है। दरअसल फेमस डायरेक्टर और फिल्म मेकर डेविड धवन अपनी करियर के शुरुआती दौर में हीरो बनने के लिए ही स्ट्रगल कर रहे थे। हालांकि उन्होंने बाद में फिल्म डायरेक्शन में अपना हाथ आज़माया।
डेविड धवन ने करियर की शुरुआती दौर में एक्टिंग से करने की इच्छा जताई थी, हालांकि उन्हें जल्द ही महसूस किया कि ये उनका लक्ष्य नहीं है। एफटीआईआई (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) में एक्टिंग कोर्स के दौरान सतीश शाह, राकेश बेदी को जब उन्होंने एक्टिंग करते देखा तो समझ गए कि ये अपने बस का रोग नहीं है। उन्हें ये बात समझ में आ गई थीं, कि वे एक्टिंग करा सकते हैं, खुद नहीं कर सकते।
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हाल ही में वूट पर दिखाए जाने वाले अनुपम खेर के शो में डेविड धवन ने बताया कि उन्होंने इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में एडिटिंग का काम सीखा था। इसी दौरान संजय दत्त ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि वे एक बेहतरीन डायरेक्टर बन सकते हैं। इसके बाद उन्होंने निर्देशन की राह पकड़ी और अपनी पहली फिल्म 'ताकतवर' को डायरेक्ट किया। इसमें संजय दत्त और गोविंदा लीड रोल में थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ऐवरेज रही , लेकिन उनकी गोविंदा के साथ बेहतरीन ट्यनिंग बन गई थी।
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डेविड धवन ने बॉलीवुड में कॉमिक फिल्मों को नई ऊंचाइयों दी है। उन्होंने गोविंदा को लेकर कई ब्लॉकबस्टर फिल्में निर्देशित कीं, इनमें "हीरो नंबर 1", "कुली नंबर 1", "बनारसी बाबू", "दीवाना मस्ताना", "बड़े मियां छोटे मियां", "एक और एक ग्यारह" जैसी फिल्में शामिल हैं। गोविंदा के अलावा, उनकी फिल्मों में सलमान खान, संजय दत्त और बेटे वरुण धवन ने भी काम किया है।