क्यों इस एक्टर के काले कोट पहनने पर थी पाबंदी, जानें इसके पीछे की खौफनाक कहानी

Published : Sep 26, 2024, 11:37 AM IST
dev anand birth anniversary

सार

देव आनंद को काले कोट में देखकर लड़कियां पागल हो जाती थीं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगी थीं। जानिए, क्या है पूरा मामला और देव आनंद से जुड़े कुछ और दिलचस्प किस्से...

एंटरटेनमेंट डेस्क. देव आनंद .. बॉलीवुड इंडस्ट्री का वो हीरो, जिसने अपनी स्टाइल और लुक से सैकड़ों दिलों पर राज किया। देव आनंद (Dev Anand) की 101वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 1923 में पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था। उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर आपको उनसे जुड़ा एक अजीबोगरीब किस्सा बताने जा रहे हैं। दरअसल, ये किस्सा देव आनंद के काले कोट पहनने से जुड़ा है, जिसपर मजबूर होकर कोर्ट ने पाबंदी लगा दी थी। कहा जाता है कि देव आनंद को काले कोट में देखकर लड़कियां पागल हो जातीं थीं और आत्मगत्या जैसा भयानक कदम उठाने लगी थी। आइए, जानते हैं आखिर क्या ये पूरा किस्सा...

क्या है देव आनंद का असली नाम

गुजरे जमाने के सुपरस्टार देव आनंद के असली नाम के बारे में कम ही लोग जानते हैं। आपको बता दें कि देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। फिल्मों के लिए उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। पंजाब से ताल्लुक रखने वाले देव आनंद ग्रैजुएशन करने के बाद मास्टर डिग्री लेना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने उनसे खुद की कमाई पर आगे की पढ़ाई करने को कहा। हालांकि, पिता की शर्त सुनने के बाद देव आनंद ने आगे की पढ़ाई करने का प्लान ड्राप कर दिया। इसके बाद वे अपना एक्टिंग का सपना पूरा करने मुंबई आ गए।

खर्चा चलाने देव आनंद को करनी पड़ी नौकरी

देव आनंद जोश-जोश में एक्टिंग का शौक पूरा करने मुंबई तो आ गए, लेकिन काफी हाथ-पैर मारने के बाद भी उन्हें किसी फिल्म में काम नहीं मिला। स्टूडियो के चक्कर लगाने के कारण उनकी जेब भी खाली हो गई। फिर उन्होंने अपना खर्चा चलाने के लिए मिलिट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी कर ली। देव आनंद ने सालभर नौकरी की और फिर अपने बड़े भाई चेतन आनंद के पास चले गए, जो इप्टा से जुड़े थे। देव आनंद ने इस दौरान कुछ नाटकों में काम किया।

देव आनंद को मिला फिल्मों में काम करने का मौका

काफी मेहनत मशक्कत करने के बाद आखिरकार देव आनंद को फिल्म में काम करने का मौका मिला। 1946 में आई फिल्म हम एक है से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। हालांकि, फिल्म खास कमाल नहीं कर पाई। फिर 1948 में आई फिल्म जिदी से उन्हें पहचान मिली। 1951 की क्राइम थ्रिलर फिल्म बाजी ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने जाल, टैक्सी ड्राइवर, इंसानियत, सीआईडी, काला पानी, काला बाजार, मंजिल, जब प्यार किसी से होता है, तेरे घर के सामने, हम दोनों, असली नकली जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। 1965 में आई फिल्म गाइड देव आनंद के करियर की माइलस्टोन फिल्म बनी।

देव आनंद का काला कोट बना मुसीबत

लगातार ब्लॉकबस्टर देने के साथ देव आनंद बॉलीवुड इंडस्ट्री पर छा गए। लोग उनकी स्टाइल, चलने की अदा और ड्रेसिंग सेंस तक कॉपी करने लगे। देव आनंद ने इंडस्ट्री में व्हाइट शर्ट-ब्लैक कोट का ट्रेंड शुरू किया था। उन्हें इस लुक में देखकर भयानक हादसे शुरू हुए। कहा जाता है कि उन्हें इस ड्रेस में देखकर लड़कियां उनकी दीवानी हो जाती थी और आत्महत्या करने जैसा भयानक कदम उठा लेती थीं। कुछ हादसों के बाद कोर्ट ने पब्लिक प्लेस पर देव आनंद के काला कोट पहनने पर रोक लगा दी गई थी।

देव आनंद की प्रेम कहानी

देव आनंद की लव स्टोरी भी काफी मशहूर रही। सुरैया के साथ फिल्मों में काम करने के दौरान दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। फिल्म अफसर की शूटिंग के दौरान देव आनंद ने सुरैया को 3000 रुपए की हीरे की अंगूठी पहनाकर प्रपोज किया था। लेकिन सुरैया की नानी को ये रिश्ता मंजूर नहीं था क्योंकि देव आनंद हिंदू थे और सूरैया मुस्लिम। देव आनंद से शादी न होने के कारण सुरैया ताउम्र कुंवारी रही। हालांकि, बाद में देव आनंद ने अपनी को-स्टार कल्पना कार्तिक से शादी की। कपल के 2 बच्चे हुए। देव आनंद आखिरी बार 2011 में आई फिल्म चार्जशीट में नजर आए थे। उनका निधन दिसंबर 2011 में हुआ था।

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