जूडिशियरी सिस्टम पर भड़की जिया खान की मां, बोली- सूरज पंचोली का पूरा मुकदमा न्यायपालिका का मजाक था

Jiah Khan Death Case. हाल में सालों पुराने जिया खान सुसाइड केस में सूरज पंचोली के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलने की वजह से उन्हें बरी कर दिया गया। हालांकि, जिया की मां राबिया खान इस फैसले से खुश नहीं है। उनका कहना है कि सूरज का पूरा मुकदमा एक मजाक था।

Rakhee Jhawar | Published : May 11, 2023 3:50 AM IST / Updated: May 11 2023, 09:40 AM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क. सीबीआई कोर्ट ने हाल ही में सूरज पंचोली (Sooraj Pancholi) को जिया खान (Jiah Khan) की मौत के मामले में उकसाने के आरोप से बरी कर दिया। दिवंगत एक्ट्रेस की मां राबिया खान ( Rabia Khan) ने अब फैसले पर प्रतिक्रिया दी है और कोर्ट के फैसले की निंदा की है। एक पोर्टल से बात करते हुए हुए राबिया ने कोर्ट पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा- यह मामला शुरू से ही गलत रास्ते पर था। सभी एविडेंस सही दिशा की ओर इशारा कर रहे थे। सूरज पर शुरू से ही गलत अपराध का आरोप लगाया गया था। यह कैसे संभव हो सकता है कि जब पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था तो उसने उस पर अपराध का आरोप लगाया? मैंने सीबीआई को सभी सबूत जैसे फोरेंसिक रिपोर्ट, जिसमें हत्या की ओर इशारा किया गया था, को नजरअंदाज कर दिया गया और इसे कभी भी अदालत के सामने पेश नहीं किया गया था।

फैसला न्यायपालिका का मजाक है- राबिया खान

राबिया खान ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- यह फैसला भारतीय न्यायिक प्रणाली का मजाक था। पूरा ट्रायल एक तरह से न्यायपालिका प्रणाली का मजाक बना। उन्होंने कहा अदालत एक हायर कोर्ट के ऑर्डर पर काम कर थी, इस तरह से उन्होंने इन्वेस्टीगेशन किया ताकि सिर्फ मामला बंद कर अभियुक्त को बरी किया जा सके। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 10 साल से भारत की दोनों एंजेसिया पुलिस और सीबीआई को आत्महत्या से जुड़ा क्या एक सुराग तक नहीं मिला। क्या सूरज पंचोली के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए उकसाने को कोई सबूत नहीं मिला, जो उसे आरोपी साबित कर सके। केस से जुड़े सबूत काफी भारी थे, लेकिन इसमें शामिल सभी पक्षों को पता था कि परिणाम क्या होगा, लेकिन इसमें से किसी का भी कानूनी या तर्कसंगत रूप से कोई मतलब नहीं था।

सूरज पंचोली एक आरोपी था- राबिया खान

राबिया खान ने फैसले पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा। उन्होंने कहा- सूरज पंचोली एक आरोपी था और उसने झूठ बोला। दोनों एजेंसियों ने भी उसके झूठ का सम्मान किया जबकि वह हकीकत अच्छी तरह से जानते थे। मेरी बेटी जिया, जो अब अपनी बात कहने के लिए नहीं है, को दोषी ठहराया गया, क्योंकि दोनों एजेंसियों के लिए मृतकों को दोष देना बहुत सुविधाजनक होता है। न केवल मां के रूप में बल्कि एक महिला होने के नाते मुझे निराशा हुई कि जिस व्यवस्था से हम अपनी रक्षा और न्याय की उम्मीद करते हैं, वह हमें ही हरी रही है और अपनी ही व्यवस्था का मजाक बना रही है। मैंने अपनी बेटी के नुकसान के साथ शांति बना ली है और उसकी हत्या करने वाले को न्याय दिलाने के लिए मैं भगवान पर छोड़ती हूं।

 

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