सिर्फ 2 दिन स्कूल जा पाई थी लता मंगेशकर, तंगहाली दूर करने शुरू किया गाना, सिर्फ इतनी थी पहली सैलेरी
एंटरटेनमेंट डेस्क. लीजेंड सिंगर लता मंगेशकर की आज यानी 6 फरवरी को पहली डेथ एनिवर्सरी हैं। उनका निधन 2022 को हुआ था। अपने करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए साथ ही जिंदगीभर संघर्ष भी किया। पिता के निधन के बाद उन्होंने पूरे परिवार को संभाला।
लता मंगेशकर को बचपन से ही संगीत का शौक था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर गायक थे। बेटी लता को 5 साल की उम्र में गाता देख उन्होंने तय किया कि वह उसे संगीत सिखाएंगे।
बता दें कि लता मंगेशकर महज 9 साल की उम्र में अनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी थी। उन्होंने पहली बार पिता के साथ स्टेज पर गाना गाया था। कहा जाता है कि वह अपनी लाइफ में सिर्फ 2 दिन ही स्कूल जा पाई थी।
आपको बता दें कि कम उम्र में ही लता मंगेशकर के पिता का निधन हो गया था। पिता के जाने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी लता पर आ गई थी। कहा जाता है कि पैसों की जरूरत पूरी करने उन्होंने मराठी फिल्म में काम भी किया था। उनकी पहली सैलेरी महज 25 रुपए थी।
1948 में मास्टर हैदर अली ने लता मंगेशकर फिल्म मजबूर में गाने का ब्रेक दिया था। इस फिल्म में उन्होंने दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा.. गाना गाया था, जो उनके एक बड़ा ब्रेक साबित हुआ था।
लता मंगेशकर को लेकर एक किस्सा यह भी फेसम है कि वह अपने गाने गाने कभी नहीं सुनती थीं। उनका मनाना था कि अगर वह अपने गाने सुनेगी तो उसमें 100 कमियां मिल जाएगी। बता दें कि उन्होंने हिंदी के साथ मराठी, बंगाली सहित करीर 36 भाषाओं में गाने गाए।
लता मंगेशकर ने अपने 80 साल के करियर में करीब 50 हजार गाने गाए। उन्हें 1958 में फिल्म मधुमति के गाने आजा रे परदेसी.. के लिए पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।
कहा जाता है कि लता मंगेशकर की पॉपुलैरिटी देखकर उन्हें जहर देकर मारने तक की कोशिश की थी। इसकी वजह से वह 3 महीने तक बेड पर रही और काफी कमजोर भी हो गईं थीं।