क्यों Hum Log की बड़की को देख शादी तोड़ती थीं औरतें, ऐसा क्या हुआ था 40 साल पहले

Published : Dec 01, 2024, 10:19 AM IST
hum log badki aka seema pahwa

सार

दूरदर्शन के पहले सीरियल 'हम लोग' की बड़की यानी सीमा पवाह आज भी लोगों के दिलों में हैं। जानिए 40 साल बाद उनकी ज़िंदगी कैसी है और उनके किरदार ने कैसे महिलाओं को प्रभावित किया।

एंटरटेनमेंट डेस्क. देश का पहला टीवी हम लोग (Hum Log) को शायद आज भी कई लोग मिस करते होंगे। हालांकि, नई जनरेशन इस शो के बार में कम ही जानती है। आपको बता दें कि ये शो दूरदर्शन पर जुलाई 1984 में प्रसारित किया गया था। इस सीरियल में एक आम हिन्दुस्तानी के घर के हालत को दिखाया गया था। शो में वैसे तो कई किरदार नजर आए, जो आज गुमनाम जिंदगी गुजार रहे हैं, लेकिन एक किरदार आज भी एक्टिव है और वो है बड़की का रोल प्ले करने वाली सीमा पवाह (Seema Pahwa)। हम लोग में सीमा ने एक सोशल वर्कर का किरदार निभाया था। इस सीरियल में सीमा द्वारा निभाए गए किरदार को कई औरतों ने इतनी गंभीरता से ले लिया था कि वे अपनी शादियां तक तोड़ने लगी थीं। आइए, जानते हैं आखिर क्या हुआ था 40 साल पहले...

40 साल पहले आया था सीरियल हम लोग

हम लोग एक इंडियन टेलीविजन सोप ओपेरा है, जिसका प्रसारण 7 जुलाई 1984 से दूरदर्शन पर शुरू हुआ, जो उस समय भारत का एकमात्र टेलीविजन चैनल था। ये 80 के दशक के एक मिडिल क्लास फैमिली और उसके रोजमर्रा के संघर्षों और आकांक्षाओं की कहानी पर बेस्ड था। 40 साल पहले आए इस शो में सीमा पवाह ने बड़की का किरदार निभाया था। सीरियल में वे सोशल वर्कर बनी थी और उन्हें महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ लड़ते देखा गया था। सीमा ने एक इंटरव्यू में पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया था कि कैसे हम लोग में 'बड़की' के किरदार ने उस दौरान औरतों को अपनी बर्बाद शादी से बाहर निकलने में मदद की थी। उन्होंने बताया कि बड़की का किरदार एक सिम्पल लड़की का था, जो महिलाओं की भलाई के लिए काम करती थी। सीमा ने यह भी बताया था कि लोगों ने शो में उनके द्वारा निभाए रोल को इतना ज्यादा सीरियसली ले लिया था कि उन्हें भरोसा हो गया कि वो असल जिंदगी में भी सोशल वर्क कर रही हैं। सीमा ने बताया था कि महिलाएं अपने पतियों को छोड़कर उनके घर आने लगीं थी और उनसे सलाह मांगने लगीं थी। ये सब देखकर उन्हें भी यकीन नहीं हुआ था।

क्या किया था सीमा पवाह ने

सीमा पवाह ने आगे बताया था कि उस वक्त वे 22 साल की थी और पतियों को छोड़कर उनके घर आने वाली महिलाओं को देखकर उन्हें यकीन नहीं होता था। उन्होंने इंटरव्यू में बताया- 'औरतें अपने पतियों को छोड़ने के बाद अपने बैग लेकर मेरे घर आने लगी थी। वो मुझसे पूछती थी कि अब हमें क्या करना चाहिए? और मैं उस समय सिर्फ 22 साल की थी। उस वक्त तो मुझे भी नहीं पता था कि मुझे अपनी लाइफ के साथ क्या करना है। ये सब देखकर मैं और मेरी मां चौंक गए थे'। हालांकि, सीमा ने यह भी बताया कि उन्होंने उन लड़कियों और औरतों की मदद भी की जो अपने घरों में उत्पीड़न का सामना करती थीं। सीमा ने बताया था कि उन्होंने तीन साल तक सोशल वर्क किया था और महिलाओं की मदद की थी।

देश के पहले सीरियल हम लोग के बारे में

आपको बता दें कि हम लोग सीरियल को मैक्सिकन टेलीविजन सीरीज वेन कॉनमिगो (1975) की तर्ज पर बनाया गया था। दरअसल, तत्कालीन सूचना और प्रसारण मंत्री वसंत साठे 1982 में मैक्सिकन दौरे पर गए थे और इस शो को देखने के बाद उन्हें हम लोग का आइडिया आया था। हम लोग की पटकथा मनोहर श्याम जोशी ने लिखी थीं और पी कुमार वासुदेव ने इस सीरियल को डायरेक्ट किया था। इसमें संगीत अनिल बिस्वास का था और इसके नेरेटर अशोक कुमार थे। इसमें विनोद नागपाल, जयश्री अरोड़ा, राजेश पुरी, दिव्या सेठ, लवलीन मिश्रा, लाहिरी सिंह, सुषमा सेठ, रेणुका इसरानी, आसिफ शेख, मनोज पवाह आदि ने लीड रोल प्ले किया था। इस सीरियल को 156 एपिसोड में प्रसारित किया गया था। 17 दिसंबर 1985 को इसका आखिरी एपिसोड प्रसारित हुआ था।

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