वायरल खबर की पड़ताल करने पर पता चला कि प्रियंका गांधी ने यूपी में अपने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया।
क्या वायरल हो रहा है: साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) होने हैं। ऐसे में नेताओं के कई बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक बयान प्रियंका गांधी के नाम पर भी वायरल है। दावा किया जा रहा है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा है कि अगर मुसलमानों को सड़कों पर नमाज पढ़ने से मना किया गया तो कांग्रेस पार्कों में भी योग करने की अनुमति नहीं देगी। ये बयान उत्तर प्रदेश में दिया गया बताया जा रहा है।
वायरल बयान का सच क्या है:
वायरल खबर की पड़ताल करने पर पता चला कि प्रियंका गांधी ने यूपी में अपने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया। कांग्रेस ने औपचारिक रूप से 10 अक्टूबर को वाराणसी में प्रियंका गांधी के संबोधन के साथ यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत की। पार्टी की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी हिंसा जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व भी किया।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बयान को लेकर यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत से बात की गई। उन्होंने कहा कि वायरल दावा झूठा है। प्रियंका ने अपने यूपी चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
बयान की पड़ताल करने पर साल 2018 की एक पोस्ट मिली, जिसमें वहीं बात लिखी गई थी। पोस्ट में लिखा है, सड़कों पर नमाज नहीं होगा तो पार्कों में योग भी नहीं करने देंगे: कांग्रेस। हमारा आरोप सही निकला। कांग्रेस ही भारतीय मुस्लिम लीग है। इस पोस्ट से पता चलता है कि दो साल पहले भी इसी बयान को वायरल किया जा रहा था।
कांग्रेस नेता अजय यादव का एक बयान मिला, जिसमें कहा गया है कि मुसलमान गुरुग्राम में एक दशक से अधिक समय से खुले में नमाज अदा कर रहे हैं और अब तक सब कुछ सही चल रहा था। 2019 के चुनाव नजदीक आने के साथ वे समाज को धार्मिक आधार पर बांटना चाहते हैं। यह हिंदू मतदाताओं का ध्यान खींचने का राजनीतिक खेल है। मुख्यमंत्री को इस तरह के बयान देने के बजाय नमाज अदा करने के लिए पर्याप्त जगह देनी चाहिए।
निष्कर्ष: वायरल खबर की पड़ताल करने पर पता चला कि ये फेक है। यूपी चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। जो बयान वायरल हो रहा है उसे साल 2018 में भी वायरल किया गया था। ऐसे में इस झूठे बयान को वायरल होने से रोके।