अंडे के नाम पर कहीं प्लास्टिक तो नहीं खा रहे आप? चाइना से भारत आ रहा एक और स्लो पॉइजन


अंडा हमारी हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन इन दिनों बाजार में असली के नाम पर प्लास्टिक के अंडे तेजी से बिक रहे हैं। ऐसे में कैसे आप इसकी पहचान करें आइए हम आपको बताते हैं।

Deepali Virk | Published : Nov 9, 2022 2:12 AM IST

फूड डेस्क : अंडा एक सुपरफूड है जो पोषक तत्वों का भंडार होता है। इसमें विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स और कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी को पूरा करते हैं, इसलिए तो कहा जाता है कि संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे और लोग भी नाश्ते से लेकर वर्कआउट के बाद और कई बार लंच और डिनर में भी अंडे का सेवन करते हैं। अंडे की इतनी ज्यादा खपत है कि आजकल बाजार में नकली अंडे भी बिक रहे हैं जो सीधे चीन से आ रहे हैं और हमारी सेहत के लिए एक स्लो पॉइजन का काम करते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि आप कैसे असली और नकली अंडे में फर्क कर सकते हैं...

कैसे बनते हैं प्लास्टिक के अंडे 
सबसे पहले हम आपको बता दें कि प्लास्टिक के अंडे चाइना से आते हैं और भारत में भी अंडे खूब बिक रहे हैं। प्लास्टिक या सिंथेटिक अंडे बनाने के लिए गर्म पानी और सोडियम एलगिनेट, बेंजोइक एसिड और जिलेटिन को मिलाकर प्लास्टिक के अंडे तैयार किए जाते हैं। अंडे का पीला भाग बनाने के लिए रंग मिलाया जाता है। वहीं अंडे का छिलका तैयार करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड का यूज होता है। दिखने में तो यह प्लास्टिक के अंडे बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं। लेकिन यह नकली अंडे आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है। यह हमारे मध्य मेटाबॉलिज्म को कमजोर करते हैं। साथ ही दिमाग, नर्वस सिस्टम और लिवर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं इसे खाने से ब्लड प्रेशर, पेट दर्द, हड्डियों का कमजोर होना, किडनी को नुकसान होने जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं।

कैसे करें असली और नकली अंडे की पहचान 
अब सवाल उठता है कि असली और नकली अंडे की पहचान कैसे की जाए? तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि कैसे आप असली और नकली अंडे के बीच में फर्क कर सकते हैं और अपने शरीर को गंभीर नुकसान से बचा सकते हैं...

1. जब आपका साधारण अंडे को फोड़ते हैं तो उसका पीला भाग अलग हो जाता है और सफेद भाग अलग होता है, लेकिन जब आप नकली अंडे को फोड़ेंगे तो पीला और सफेद भाग एक-दूसरे में मिला हुआ नजर आएगा, क्योंकि इसमें एक ही मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है। बस फर्क इतना है कि एग यॉक को दिखाने के लिए पीला कलर किया जाता है।

2. आपने देखा होगा कि असली अंडे का सफेद भाग चिकना और चिपचिपा होता है, जबकि सिंथेटिक अंडे का सफेद हिस्सा थोड़ा रफ होता है। वहीं अगर अंडा आसानी से नहीं टूट रहा है तो वह नकली अंडा हो सकता है।

3. अंडे की पहचान करने के लिए यह सबसे सरल और कारगर तरीका है। इसके लिए आधे गिलास पानी में अंडा डालकर देखें, अगर वह पानी में डूब जाता है तो वह असली अंडा है और अगर यह पानी में डूबता नहीं है तो वह नकली अंडा है।

4. अगर अंडे को बाहर रख दें, तो कुछ दिनों में चींटी कीट या फिर उड़ने वाली छोटी-छोटी मक्खियां इसके ऊपर आ जाती है, लेकिन नकली अंडे में इस तरह की चीटियां-कीट आसपास भी नहीं मंडराती है, क्योंकि सिंथेटिक का बना होता है।

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