रोज की झंझट से बचने के लिए महिला ने बनाए 426 डिश, 8 महीनों तक नहीं बनाना पड़ेगा खाना

तीन बच्चों की 30 साल की मां ने एक बार में 426 डिश तैयार करके रख लिया। अब उसे 8 महीनों तक खाना नहीं बनाना पड़ेगा। वो अपने फैमिली को पका-पकाया खाना परोस सकती है वो भी चंद मिनटों में।

फूड डेस्क.एक दिन में तीन बार स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार करना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। इसके साथ हर रोज यह सोचना कि क्या बनाना है और उसकी तैयारी करना बहुत झंझट भरा होता है। हालांकि कुछ लोग व्यस्त दिनों में चीजों को आसान बनाने के लिए कुछ मात्रा में भोजन तैयार करके रख लेते हैं। चाहे वह कटी हुई सब्जियों को फ्रीज करना हो या खाना पकाने के हैक का उपयोग करना हो। कई तरीके अपनाकर काना पकाने के समय और मेहनत को कम कर सकते हैं। लेकिन एक महिला ने कुछ ऐसा किया जिसके बाद वो सुर्खियों में छा गईं। वो भोजन बनाने की अवधारणा को एक पायदान उपर लेकर चली गईं।

यूएस में रहने वाली 30 साल की केल्सी शॉ (Kelsey Shaw) ने एक साथ 426 डिश बनाने का कारनामा किया है। केल्सी तीन बच्चों की मां हैं और यूएस में फैमिली के साथ रहती हैं। उन्होंने  प्रिजर्वेशन टेक्नीक्स सीखीं और खाने को लंबे समय तक रखने का तरीका सीख लिया। उन्होंने हाल ही में अपनी कहानी को साझा किया।

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द अल्टीमेट मील प्रीपर की मिली उपाधि

केल्सी को शानदार भोजन तैयार करने में महारात हासिल होने के बाद उन्हें 'द अल्टीमेट मील प्रीपर' कहा जा रहा है। शॉ ने 426 मील तैयार करके रख लिया जिससे उनका परिवार 8 महीने तक ब्रेकफॉस्ट, लंच और डिनर कर सकते हैं। केल्सी बताती हैं कि साल 2017 में वो इंडियाना के एक खेत में अपनी सास के साथ जाने लगी थी। वो जानना चाहती थी कि हम क्या खाना खा रहे हैं और कहां से आ रहा था।

खाने को लंबे वक्त तक सुरक्षित रखने की तकनीक सीखी

इसके बाद वो फ्रेश प्रोडक्ट को कैसे लंबे वक्त तक प्रिजर्व किया जा सकता है। कई तरह की तकनीक इसे लेकर सीखीं।केल्शी शॉ ने कई वीडियो देखकर और किताबें पढ़कर बेस्ट टेक्नीक सीखीं। शॉ का मानना है कि यह एक जबरदस्त स्किल है। खाने के प्रिजर्वेशन के लिए उन्होंने डिहाइड्रेशन और वॉटर कैनिंग की तकनीक का इस्तेमाल किया है। केल्शी ने बताया कि कोरोना के समय उनका यह स्किल काम आया। जब पूरी दुनिया खाने को लेकर परेशान उनके पास प्रिजर्व फूड थे।

घर पर उपजाए सब्जी और फल का करती हैं उपयोग

उन्होंने खुद से उपजाए गए फल और सब्जी से डिश तैयार किया। शॉ इसके साथ यह भी सुनिश्चित करती हैं कुछ भी बर्बाद ना हो।वो बच्चे हुए अपशिष्ट पदार्थ जानवरों को खाने के लिए भेज देती हैं। इसके अलावा वो बताती है कि वो सुपरमार्केट उन फूड को खरीदने जाती हैं जिसे वो खुद उगान नहीं सकती। वो आटा और चावल के लिए हर दो सप्ताह में एक बार जाती हैं।

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