पटना। बिहार के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) राजनीति में जमीन से जुड़े नेताओं में गिने जाते थे। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जीवनभर कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। राजनीतिक जीवन में कई बड़े पदों पर रहे। मगर राजनीतिक जीवन पूरी तरह से बेदाग है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (PM Manmohan Singh) की यूपीए (UPA) सरकार में उन्हें मानरेगा के शिल्पकारों में गिना जाता है। संसदीय परंपरा में वैशाली से प्रतिनिधित्व करने वाले रघुवंश बाबू विचारधारा के बावजूद अलग-अलग दलों में सम्मान से देखा जाता था। इसकी वजह उनकी सादगी, स्पष्टवादी छवि और काम के प्रति बेहद ईमानदार होना है।