ज्योति बताती है कि, रास्ते में कई ट्रक वाले थे, जो लोगों को ले जा रहे थे, हमने जब मदद मांगी तो उन्होंने 6000 रुपए की मांग किए थे। लेकिन, हमारे पास इतने पैसे नहीं थे। इसलिए हम साइकिल से ही 10 मई को गुरूग्राम से चल पड़े थे और 16 मई की शाम घर आ गए थे।
(फाइल फोटो)