चचेरे भाई से किए थे मुलाकात, तीन बेटों के साथ आने का किए थे वादा
गांव के लोग बताते हैं कि रामकलावन ने राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद आने का वादा किया था। अब उनके राष्ट्रपति के रूप में आने का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा था कि वे अपने तीनों बेटों को भी लेकर आएंगे, ताकि वे अपने पुरखों का गांव देख सकें, यहां की मिट्टी को चूम सकें। वे उस समय अपने पुरखों के परिवार रघुनाथ महतो से मिले थे, जो रामकलावन के चाचा के पुत्र हैं, रिश्ते में भाई लगते हैं।