बिहार के इस लाल ने 8 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर,संघर्ष करते हुए ऐसे IAS बनकर लौटा था घर

Published : Nov 02, 2020, 02:53 PM IST

पटना (Bihar) । बिहार में होनहारों की कमी नहीं है। लेकिन, आज से करीब 15-20 साल पहले सुविधाओं का बहुत कमी थी। इसके चलते यहां के प्रतिभाशाली बच्चे संघर्ष करते हुए आगे निकलने को मजबूर थे। कुछ ऐसा ही हुआ था जमुई जिले के सिकंदरा के रहने वाले सुमित कुमार के साथ, जिनके गांव में सुविधाएं पूरी तरह से नहीं मिल पाती है। हालांकि मां-बाप सीने पर पत्थर रखकर बच्चे को महज 8 साल में ही अपने से दूर भेज दिए थे, जो साल 2018 में घर लौटे तो आईएएस बनकर। उनका रूतबा देख मां-बाप तो क्या पूरा गांव ही दंग रह गया था। 

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बिहार के इस लाल ने 8 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर,संघर्ष करते हुए ऐसे IAS बनकर लौटा था घर

सुमित कुमार के पिता का नाम सुशील कुमार वर्णवाल है और उनकी मां का नाम मीना देवी है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा के लिए उनका चयन होने पर उनके परिवार के साथ ही इलाके के लोग भी काफी खुश थे। 

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बताते हैं कि सुमित कुमार ने 8 साल की उम्र में ही पढ़ाई के लिए घर छोड़ दिया था। गांव में अच्छे स्कूल नहीं थे इसलिए छोटी उम्र से उन्होंने बाहर रहकर पढ़ाई की। पर उस समय कौन जानता था कि यह लड़का एक आईएएस अफसर बन कर वापस आएगा।

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सुमित ने 2007 में मैट्रिक और 2009 में इंटर की परीक्षा पास की। 2009 में ही उनका चयन आईआईटी के लिए हुआ और उन्होंने आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। 
 

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सुमित कुमार को 2017 की यूपीएससी परीक्षा में 493वीं रैंक मिली थी और डिफेंस कैडर मिला था। उन्होंने दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और साल 2018 में 53वीं रैंक के साथ टॉप करके इतिहास रच दिया। उनके अफसर बनने की खुशी से परिवार के सदस्य बहुत खुश हुए थे। वो अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को ही देते हैं जिन्होंने उनके उज्जवल भविष्य के लिए कड़े फैसले लिए। 

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सुमित कुमार यूपीएससी परीक्षा के कैंडिडेट्स के लिए संदेश देते हैं कि वे आपने माहौल के प्रति जागरूक रहें। इंटरव्यू में ज्यादातर सवाल करंट अफेयर्स से भी जुड़े होते हैं, इसलिए अखबार और मैगजीन हमेशा पढ़ते रहें।
 

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