पटना : बिहार (Bihar) की पॉलिटिक्स का पावर सेंटर बने मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) आज निपट अकेले हैं। न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम की कहावत भी उन पर खूब बैठ रही है। सहनी को अंदाजा भी न रहा होगा कि 23 मार्च उनके पॉलिटिकल करियर में सबसे बुरे दिनों में से एक होगा, जब विधानसभा से उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) पूरी तरह साफ हो जाएगी। अब उनके पास न विधायक बचे हैं और न ही मंत्री बचेगा। सहनी कभी कॉस्मेटिक सामान बेचकर गुजर बसर करते थे, बाद में अखबार के विज्ञापनों के जरिए राजनीति में एंट्री ली। जानिए कैसे उन्होंने मंत्री पद तक का सफर तय किया और कैसे एक ही झटके में गच्चा खा गए..