नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते दुनिया के अधिकतर देशों की सरकारों को पूरे देश को लॉकडाउन करना पड़ा है और इसके चलते अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है। पहले ही आर्थिक सुस्ती झेल रहे भारत पर भी इसका प्रभाव पड़ना तय है। सरकार ने फिलहाल 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है जो कि 14 अप्रैल तक जारी रहेगा, पर इसके बाद भी अर्थव्यवस्था के तुरंत पटरी पर लौटने के आसार नहीं हैं। देश के बैंको पर भी इसका असर पड़ना तय है। बैंकों के NPA में इस साल 1.9 फीसदी की बढ़ोरी होने का अनुमान है, जबकि कर्ज सागत अनुपात में भी 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। S&P रेटिंग्स के अनुसार कोरोना के चलते एशिया - प्रशांत बैंकों की कर्ज लागत 300 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है। चीन का एनपीए अनुपात भी लगभग 2 फीसदी तक बढ़ेगा ऋण लागत अनुपात 1 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।