'कंगाल' होने के बाद ऐसी हो गई है अनिल अंबानी की हालत, अब आचार्य बालकृष्ण भी हैं इनसे ज्यादा अमीर
बिजनेस डेस्क: फोर्ब्स ने 2020 के 2095 अरबपतियों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 21वें स्थान पर हैं। वहीं, उनके छोटे भाई और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम इस सूची में नहीं है। एक दशक से अधिक समय तक हर साल जब फोर्ब्स दुनिया के सबसे बड़े अरबपतियों की सूची जारी करता तो उसमें दो अंबानी होते थे, मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी। लेकिन अब हालत ऐसे हो चुकें हैं की एक भाई लिस्ट में 21 स्थान पर है। वहीं दूसरा 2000 की लिस्ट में भी जगह नहीं बना सका।
Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2020 7:27 PM IST / Updated: Apr 11 2020, 01:03 AM IST
दुनिया के 2095 अरबपतियों में भारत के 102 उद्योगपति शामिल हैं, जिनमें राधाकिशन दमानी, शिव नाडर, गौतम अडाणी से लेकर पतंजलि के सीईओ आर्चाय बालकृष्ण तक शामिल हैं। बालकृष्ण इस सूची में 1851वें नंबर पर हैं। उनकी संपत्ति 1.1 अरब डॉलर (83.49 अरब रुपये) है। पिछले साल 4.9 अरब डॉलर के साथ वह 365वें नंबर पर थे।
2005 में विरासत में पिता से मिली संपत्ति का बंटवारा होने के बाद मुकेश-अनिल अंबानी लगभग बराबरी पर थे। 2007 में अनिल के पास 45 अरब और मुकेश अंबानी की संपत्ति करीब 49 अरब डॉलर थी। तब फोर्ब्स के साल 2008 वाली लिस्ट में 42 अरब डॉलर के साथ अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे। लेकिन फिर वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि आज फोर्ब्स की लिस्ट में एक ही अंबानी का नाम है।
अनिल अंबानी पिछले साल 1.7 अरब डॉलर (129.03 अरब रुपये) नेटवर्थ के साथ 1349वें स्थान पर थे। इस साल संपत्ति का नुकसान तो मुकेश अंबानी को भी हुआ है, लेकिन 36.8 अरब डॉलर (2793.12 अरब रुपये) के नेटवर्थ के साथ वह दुनिया में 21वें नंबर पर कायम हैं। पिछले साल वह 50 अरब डॉलर (3795 अरब रुपये) संपत्ति के साथ 13वें स्थान पर थे।
मार्केट के कई विशेषज्ञों का मानना है की अनिल अंबानी की ये हालत उनके लालच के वजह से हुई है। बटवारे में अनिल अंबानी को जो कंपनियां मिली थीं उन पर ध्यान न देते हुए अनिल अंबानी ने कई और सेक्टर में निवेश किया जिससे उनकी एक के बाद एक कंपनी डूबती चली गई।
उदहारण के तौर पर 2017 में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपना वायरलेस कारोबार बंद कर दिया। मई 2018 में अनिल अंबानी ने इस कंपनी को बंद करने का निश्चय किया जिसके बाद यह कंपनी दिवालिया कार्यवाही में आ गयी। मई 2019 में रिलायंस कैपिटल ने अपना म्यूचुअल फंड कारोबार बेच दिया। 7 जनवरी 2020 को रिलायंस पावर 685 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में डिफॉल्ट हुई। वहीं रिलायंस इन्फ्रा पर 148 अरब रुपये का कर्ज चढ़ गया।
31 दिसंबर 2019 तक अनिल अंबानी समूह की कंपनियां जिनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, और रिलायंस पावर शामिल हैं, 43,800 करोड़ रुपये से अधिक के लोन पर डिफॉल्ट हो गयी। खराब कारोबार के चलते कंपनियं कर्ज नहीं चुका सकीं और अनिल अंबानी की हालत और खराब होती गयी।
कारोबारी दुनिया में अनिल अंबानी ने कितनी तेजी से अपनी पोजिशन गंवाई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 6 महीनों में उनकी पूंजी करीब 75 फीसदी घट गई। जून से लेकर दिसंबर 2019 के दौरान उनकी इक्विटी वेल्थ 3,651 करोड़ रुपये से लुढ़कते हुए 970.10 करोड़ रुपये पर आ ठहरी है।
इसके अलवा कई रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल अंबानी और उनके ग्रुप पर करीब 13.2 अरब डॉलर यानी करीब 93 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।
इस कर्ज को कम करने में कई बार उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की है, जैसे हाल ही में रिलायंस जियो ने आरकॉम की टॉवर और फाइबर बिजनेस (रिलायंस इंफ्राटेल) को खरीदने के लिए 4700 करोड़ रुपए का ऑफर किया है जिसे बेच कर अनिल अंबानी को 4300 करोड़ रुपए का बकाया भारतीय और चीनी क्रेडिटर्स को प्राथमिकता के आधार पर चुकाना है।
इसके अलावा एरिक्सन मामले में मुकेश अंबानी ने छोटे भाई को जेल जाने से बचने के लिए भाई का 500 करोड़ रुपए का कर्ज चूका दिया था। कहा जाता है की मुकेश अंबानी ने ऐसा अपनी मां कोकिलाबेन अंबानी के कहने पर किया था।