अंबानी का नौकर बनने के लिए भी बेलने पड़ते हैं पापड़, IAS अफसर से भी ज्यादा है ड्राइवर की सैलरी

Published : Oct 14, 2019, 01:50 PM IST

फोर्ब्स ने साल 2019 में भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट मुकेश अंबानी पिछले 12 सालों से नंबर एक पर बने हुए हैं। इनका घर एंटीलिया भी दुनिया के सबसे आलीशान और महंगे घरों की लिस्ट में शामिल है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंबानी के नौकर की सैलरी कितनी है और उसका चयन कैसे होता है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के नौकरों की सैलरी एक नए पदस्थ आईएएस ऑफिसर की सैलरी से ज्यादा होती है। आईएएस ऑफिसर की कुल सैलरी हर महीने 56100 रुपये से शुरू होकर सर्वोच्च पद जैसे कैबिनेट सचिव के लिए 250000 रुपये तक जाती है। कुछ महिनों पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें इस तरह की जानकारी सामने आई थी। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आइए जानते हैं कि अंबानी के घर के नौकर का चयन कैसे होता है और उनकी सैलरी कितनी है। 

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अंबानी का नौकर बनने के लिए भी बेलने पड़ते हैं पापड़, IAS अफसर से भी ज्यादा है ड्राइवर की सैलरी
अंबानी के घर में करीब 600 नौकर हैं। अंबानी के नौकरों को सैलरी में प्रति माह दो लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी मिलती है। अंबानी के घर में काम करने के लिए किसी आम नौकरों की तरह नहीं लिया जाता है। इनको रखने से पहले उनकी परीक्षा ली जाती है।
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एक कंपनी की तरह ही पहले नौकरों का इंटरव्यू लिया जाता है और उनका लिखित रूप में टेस्ट लिया जाता है। इस लिखित टेस्ट को जो पार कर ले, उसको इंटरव्यू के अगले राउंड के लिए सिलेक्ट किया जाता है। नौकरों का मेडिकल टेस्ट होता है। इस टेस्ट में अगर कोई अनफिट पाया जाता है तो उस व्यक्ति को नौकरी के लायक नहीं समझा जाता है।
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अंबानी के घर के शेफ ओबरॉय होटल से मंगाए जाते हैं। बता दें कि इन शेफ को विश्व में हर प्रकार का खाना बनाना आता है। अंबानी परिवार को साउथ इंडियन खाना सबसे ज्यादा पसंद है। हालांकि उनके घर में हर तरीके का खाना बनता है।
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अंबानी के ड्राइवर का चयन विधिवत तरीके से किया जाता है। अंबानी ड्राइवर का चयन करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को कांट्रैक्ट देते हैं। इन कंपनियों को ड्राइवर के चयन की पूरी जिम्मेदारी दी जाती है।
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सबसे पहले इस बात की पूरी जांच की जाती है कि कहीं चयनित ड्राइवर का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड तो नहीं है। यह कंपनियां ड्राइवर को ट्रेनिंग देती हैं, जिसके बाद ड्राइवर को कईं तरह की कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद जाकर किसी ड्राइवर को नियुक्त किया जाता है।

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