नई दिल्ली. कहते हैं कि अगर कोई इंसान मजबूत इरादे से किसी काम को करे तो दुनियां की कोई ताकत उसे हरा नहीं सकती। बड़ी से बड़ी परेशानियां इंसान के जज्बे के आगे बौनी साबित होती हैं। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे दिव्यांग शख्स की कहानी है जो चूड़ी बेचता था पर अपने मजबूत इरादों से वो अफसर बनकर ही माना। पिता की मौत के बाद गरीबी में इस लड़के को मां के साथ गांव की सड़कों पर चूड़ियां बेच गुजारा करना पड़ा। उस दौरान लोग मजाक उड़ाते थे ताने देते थे। इस शख्स ने चूड़ी बेचने पर अपना मजाक उड़ाने वालों के ताने दिल से लगा लिए थे। उसने ठान ली थी अफसर बनकर ही गांववालों को शक्ल दिखाउंगा।
आईएएस सक्सेज स्टोरी में (IAS Success Story) हम आपको रमेश घोलप के संघर्ष के बारे में बताएंगे।