सार

UPSC Success Story: पिता को खोने के बाद भी इल्मा अफरोज ने हार नहीं मानी और UPSC में 217वीं रैंक हासिल की। स्कॉलरशिप से पढ़ीं इल्मा आज IPS अधिकारी हैं।

UPSC Success Story: जब जिंदगी कठिन हो, तब यही साबित होता है कि खुद को चुनौती देने की शक्ति कहीं अंदर होती है। एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है इलमा अफरोज की, जो आज लाखों UPSC एस्पिरेंट्स के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। इलमा का बचपन आसान नहीं था। 14 साल की उम्र में अपने पिता को कैंसर के कारण खोने के बाद, उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मगर उनकी मां ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने इलमा और उसके छोटे भाई को अकेले ही पाल-पोस कर बड़ा किया और इलमा को वह मौके दिए जिनकी उसे जरूरत थी।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए मिली स्कॉलरशिप

इलमा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप मिली। इसने उनकी सोच को और भी व्यापक किया और उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति और भी दृढ़ बनाया।

UPSC में सफलता, All India Rank 217

फिर इलमा का सफर UPSC की ओर मोड़ा, जहां उन्होंने 2017 में UPSC सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफलता प्राप्त की और All India Rank 217 हासिल की। आज इलमा IPS (Indian Police Service) के रूप में कार्यरत हैं और उनकी यह यात्रा सिर्फ एक परीक्षा की सफलता नहीं है, बल्कि जीवन के संघर्षों से जूझने की और आत्मविश्वास की भी कहानी है। इलमा कहती हैं, "मेरी मां ने हमेशा मुझे आत्मनिर्भर बनने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उसने मुझे सिखाया कि मैं किसी भी मुसीबत से पार पा सकती हूं, अगर मेरी मेहनत सच्ची हो।"

इलमा अफरोज की कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके भीतर आत्मविश्वास और संघर्ष की भावना हो, तो कोई भी मुश्किल आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती। UPSC की तैयारी करने वाले सभी एस्पिरेंट्स के लिए यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि मुश्किलें कितनी भी हों, अगर आप ठान लें तो सफलता जरूर मिलेगी।

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