IAS बनने के जुनून में छोड़ दी लाखों की नौकरी, इस स्ट्रेटजी से IAS बना छोटे से गांव का लड़का

Published : Jun 02, 2020, 11:50 AM ISTUpdated : Jun 02, 2020, 08:51 PM IST

नई दिल्ली. IAS Success Story: देश की सेवा के जज्बे के लिए लोग बहुत कुछ कुर्बान कर देते हैं। ऐसे में एक लड़के ने अपनी अच्छी-खासी लाखों पैकेज की नौकरी ही छोड़ दी। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले वर्णित नेगी (IAS Varnit Negi) ने सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering) करने के बाद पावर ग्रिड में बेहद अच्छे पैकेज पर नौकरी की शुरुआत की, लेकिन उनका सपना था आईएएस अफसर (IAS Officer) बनना। इसके लिए उन्होंने पावर ग्रिड की नौकरी छोड़ दी और यूपीएएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) की तैयारियों में जुट गए। इसमें उन्हें आसानी से सफलता नहीं मिली। पर वर्णित ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे। किसे पता था कि वो टॉप ही कर जाएंगे। वर्णित के अफसर बनने का सफर बेहद शानदार रहा है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में छोटे से कस्बे से शहर से आने वाले वर्णित ने कड़ी मेहनत से अपना सपना पूरा किया।    IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको वर्णित (IAS Varnit Negi UPSC Topper) के संघर्ष और सफलता की कहानी सुना रहे हैं-   

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IAS बनने के जुनून में छोड़ दी लाखों की नौकरी, इस स्ट्रेटजी से IAS बना छोटे से गांव का लड़का

दो प्रयास में वर्णित को असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2018 में सिविल सर्विस परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल कर सफलता की मिसाल कायम की। वर्णित नेगी के पिता छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाईस्कूल परसदा के प्रिंसिपल हैं और मां डॉक्टर सीमा नेगी बिलासपुर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफसर हैं। उनके बड़े भाई डॉक्टर अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। वर्णित ने बताया कि उनक बचपन छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीता।

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वर्णितका कहना है कि उन्होंने तय कर लिया था कि किसी भी हाल में सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता हासिल करनी है। इसलिए शुरुआती असफलता से वे हतोत्साहित नहीं हुए। उन्होंने हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क पर जोर देना शुरू किया। वर्णित नेगी की प्रारंभिक शिक्षा जशपुर में हुई। इसके बाद उन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल से 7वी से 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की। 12वीं की पढ़ाई उन्होंने राजस्थान के कोटा से की।

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पावर ग्रिड में इंजीनियर की नौकरी भी उनकी बुरी नहीं थी। पैकेज भी अच्छा-खासा था। लेकिन शुरू से ही उनका सपना था आईएएस बनने का। इसलिए उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करनी शुरू की।
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वर्णित को ऐसा लगा कि इंजीनियरिंग की नौकरी करते हुए वे ठीक से इस परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकेंगे। इसलिए उन्होंने मार्च 2016 में यह नौकरी छोड़ दी। पहले प्रयास में उन्हें मुख्य परीक्षा में सफलता नहीं मिल पाई थी। दूसरे प्रयास में उन्हें 504वीं रैंक मिली। इसके बाद उन्हें रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में असिस्टेंट सिक्युरिटी कमिश्नर का पद मिला। लेकिन वर्णित तो आईएएस बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने तीसरी बार परीक्षा देने का फैसला किया।
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तीसरी बार में उन्हें इस परीक्षा में 13वीं रैंक मिल गई। यह एक बड़ी सफलता थी। वर्णित अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब रहे उन्होंने यूपीएससी टॉप करके इतिहास रच दिया। वर्णित कहते हैं कि इस परीक्षा में शुरुआती असफलता से न तो घबराना चाहिए और ना ही निराश होना चाहिए। इस परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ परिवार के सपोर्ट की भी जरूरत होती है। साथ ही, सोशल मीडिया से भी दूरी बनानी पड़ती है। सोशल मीडिया से जुड़े रहने से ध्यान भटकता है।

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वर्णित का कहना है कि यूपीएसससी एग्जाम की तैयारी के लिए मेहनत तो जरूरी ही है, लेकिन यह प्लानिंग के साथ होनी चाहिए। आजकल स्मार्ट वर्क ज्यादा मायने रखता है। तैयारी के दौरान धैर्य बनाए रखना पड़ता है। उनका कहना है कि तैयारी के दौरान ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए, जिनसे ध्यान भटकता हो।
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वर्णित कहते हैं कि तैयारी के दौरान ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। इससे नुकसान होता है। अगर पढ़ने का मन नहीं कर रहा हो तो जबरदस्ती पढ़ाई नहीं करना चाहिए। बहरहाल, अलग-अलग कैंडिडेट्स के तरीके अलग हो सकते हैं। तैयारी का कोई एक फॉर्मूला नहीं है। इस परीक्षा की तैयरी में क्रिएटिविटी की काफी गुंजाइश होती है।
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वर्णित नेगी इस परीक्षा की तैयारी करने वालों से अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहते हैं कि प्रिलिम्स और मेन्स एग्जाम की तैयारी में कुछ चीजें एक तरह की होती हैं तो कुछ एकदम अलग। इनकी तैयारी साथ-साथ भी कर सकते हैं। साथ ही, इंटरव्यू को लेकर भी खास तौर पर तैयारी करनी चाहिए।

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