अब, जब एक पड़ाव पूरा हो गया है तो भविष्य के लिए भी खुद को तैयार करना जरूरी है। जैसा कि मेरा कहना है कि इस परीक्षा को पास करना तो महत्त्वपूर्ण है, लेकिन उससे ज्यादा महत्त्वपूर्ण इसके बाद मिलने वाली चुनौतियों, समाज और देश को अपना योगदान देने के अवसर हैं।
यह कोशिश हमेशा रहेगी कि मेहनत, ईमानदारी व संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए देश और समाज को कुछ दे सकूँ। जो भी परिवर्तन आप समाज में देखना चाहते हैं, उसकी शुरुआत खुद से ही करें। नैतिकता के साथ हमेशा सकारात्मक बने रहें और आगे बढ़ें। आपका जो लक्ष्य है, वह आपको जरूर मिलेगा।