जवाब: शिव ने, संसार को हलाहल विष से त्राण देने के लिए उसे पी लिया था परन्तु गले से नीचे नहीं उतरने दिया था। ... इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि शिव भांग, गांजा या धतूरा खाते पीते थे। शिव पुराण सहित किसी भी ग्रंथ में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान शिव या शंकर भांग, गांजा आदि का सेवन करते थे। बहुत से लोगों ने भगवान शिव के ऐसे भी चित्र बना लिए हैं जिसमें वे चिलम गांजा पीते दर्शाए जाते हैं।