कोरोना पर काबू पाने 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहीं IAS टीना डाबी, जानें बचाईं घर घर राशन भी पहुंचाया

भीलवाड़ा.  साल 2015 में IAS में टॉप करने वाली दलित समाज की लड़की टीना_डाबी एक बार फिर चर्चा में है। UPSC की कठिन परीक्षा में देश में प्रथम आकर योग्यता के मिथक को तोड़कर यह प्रमाणित किया कि लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं। अब एक बार फिर टीना डाबी ने अपनी योग्यता और क्षमता का परिचय देते हुए कोरोनावायरस को पूरे राजस्थान में फैलने से रोक दिया। राजस्थान के भीलवाड़ा में एसडीएम (Sub Divisional Magistrate) के पद पर तैनात टीना डाबी ने 24 घंटे ड्यूटी पर बने रहकर सुर्खियां बटोर ली हैं। सोशल मीडिया पर उनकी काफी चर्चा है भीलवाड़ा मॉडल के जरिए न सिर्फ उन्होंने लोगों की जानें बचाईं बल्कि लॉकडाउन में घर-घर राशन भी पहुंचाया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2020 12:07 PM IST / Updated: Apr 12 2020, 05:50 PM IST
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कोरोना पर काबू पाने 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहीं IAS टीना डाबी, जानें बचाईं घर घर राशन भी पहुंचाया
राजस्थान का भीलवाड़ा जिला आज दुनियाभर की सुर्खियों में है। यह देश के उन गिने-चुने जिलों में से था, जहां शुरुआती दिनों में ही कोरोना वायरस संक्रमण के इतने मामले आ गए थे कि अंदाजा लगाया जाने लगा कि यहां हालात बेकाबू हो सकते हैं।
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यहां तक कहा जा रहा था कि यह राजस्‍थान का इटली हो सकता है। हालांकि अब स्थिति पर काबू पा लिया गया है। जिसकी वजह से भीलवाड़ा मॉडल देशभर की सुर्खियों में आ गया जिसमें यहां के जिला प्रशासन की अहम भूमिका है।
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कोरोना पर काबू पाने के लिए जिस मॉडल को जिला प्रशासन ने लागू किया, वह 'कंप्‍लीट लॉकडाउन' था और इसे क्रियान्‍वित करने वालों की टीम में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी और सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2015 की टॉपर टीना डाबी (26) भी शामिल रहीं।
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उन्‍होंने बताया कि पूरी टीम ने किस तरह इस मॉडल को लागू किया और यह उनके लिए कितना मुश्किल रहा। उन्‍होंने बताया कि सबसे पहले पूरे जिले को आइसोलेट कर दिया गया और लोगों को भरोसे में लेने, उन्‍हें समझाने-बुझाने का काम भी किया गया।
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डाबी अक्‍टूबर 2018 से भीलवाड़ा की स‍ब-डिविजनल मजिस्ट्रेट हैं। उन्‍होंने बताया कि 19 मार्च को उन्‍हें कोरोना संक्रमण के पहले मामले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद 20 मार्च को ही प्रशासन ने आगामी कदमों की रूपरेखा तय कर ली और फिर 25 मार्च को देशव्‍यापी लॉकडाउन की घोषणा से बहुत पहले ही भीलवाड़ा को पूरी तरह सील करने का फैसला ले लिया था।
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उन्‍होंने बताया कि जिलाधिकारी राजेंद्र भट्ट ने दो घंटे के भीतर यह फैसला ले लिया था कि यहां संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कर्फ्यू लगाने और जिले को पूरी तरह सील करने की जरूरत है।
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डाबी ने बताया कि इस संबंध में आदेश आते ही उन्‍होंने पूरे शहर में बंद करवाया और लोगों को इसका आश्‍वासन भी दिया कि वे घबराएं नहीं। इस दौरान कई लोगों को समझाया-बुझाया गया तो कहीं अनुनय-विनय भी करना पड़ा और कुछ लोगों को डांट-फटकार भी लगानी पड़ी। उन्‍होंने बताया कि यह काम इतना आसान भी नहीं था।
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इस सख्‍त कदम के बाद पहले तीन-चार दिनों में शहर और जिले से कई कॉल आने शुरू हो, लेकिन पूरी टीम ने इस जिम्‍मेदारी को गर्व के साथ निभाया कि वे देश सेवा कर रहे हैं और यह वक्‍त ऐसा है, जिसमें कुछ कड़े फैसले लेने ही होंगे।
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इस दौरान प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि लोगों को उनके घरों तक जरूरी सामान मुहैया कराएं जाएं, ताकि उन्‍हें इसे लेकर किसी तरह की परेशानी न हो और खतरे की गंभीरता को समझ सकें। भीलवाड़ा का यही मॉडल दिल्‍ली सहित पूरे देश में अपनाया जा रहा है और जगह-जगह हॉटस्‍पॉट की पहचान कर उसे सील किया जा रहा है, ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके। इसके लिए राजेंद्र भट्ट के साथ ही टीना डाबी की भी जमकर तारीफ की जा रही है।
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