नई दिल्ली. भारत में हर साल लाखों की संख्या में कैंडीडेट आईएएस (IAS) की परीक्षा देते हैं। इनमें से बहुत कम ही होते हैं जो कि सेलेक्ट होते हैं। बहुत से बच्चे अफसर बनने के लिए इतने जुनूनी हो जाते हैं कि कई दिनों तक घरों में बंद रहकर सिर्फ पढ़ाई करते हैं। वो खुद को किताबों में झोंक देते हैं। न खाने की सुध रहती है न बाहर की दुनियादारी की। ऐसे ही एक लड़के ने अफसर बनने के अपने सपने में खुद की आहूती दे दी। पिता की मौत के सदमे और खाने में बिस्किटों पर गुजारा कर उसने अफसर बनकर दिखाया। शशांक के पास कोई सुख सुविधा तो छोड़ो खाने को भरपेट खाना तक नहीं था फिर भी वह दिन रात मेहनत करके न सिर्फ अपनी फीस भर रहे थे साथ ही परिवार की जिम्मेदारी भी उठा रहे थे।
आईएएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story) में हम शशांक मिश्रा के संघर्ष की कहानी सुना रहे हैं।