किसी को बच्चे की मौत ने डॉ. बनाया, तो किसी ने खड़ा किया पहला हार्ट फाउंडेशन, ये है भारत की 5 दबंग लेडी डॉक्टर

करियर डेस्क: मंगलवार, 8 मार्च को विश्न महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जा रहा है। इसका मुख्‍य मकसद महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। इसके साथ विश्‍व शांति को भी प्रोत्‍साहित करना है। वुमेन्स डे सीरीज में आज हम आपको उन 5 दबंग लेडी डॉक्टर (Women Doctors In India) से मिलवाते हैं, जिन्होंने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर भारत की मेडिकल सुविधाओं को बेहतर बनाने में योगदान दिया। आज भी पूरा देश उन्हें सैल्यूट करता है...

Asianet News Hindi | Published : Mar 8, 2022 4:48 AM IST
15
किसी को बच्चे की मौत ने डॉ. बनाया, तो किसी ने खड़ा किया पहला हार्ट फाउंडेशन, ये है भारत की 5 दबंग लेडी डॉक्टर

डॉ. आनंदीबाई जोशी
डॉ. आनंदीबाई जोशी पहली भारतीय महिला डॉक्टर और वेस्टर्न मेडिसन में डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उन्होंने महिला मेडिकल कॉलेज, पेनसिल्वेनिया (अब ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय ) से डिग्री हासिल कर अपने डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया। जब वह केवल चौदह साल की थी, तो उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी कुछ दिनों बाद खराब मेडिकल सेवाओं के कारण मौत हो गई। इस घटना का उन पर बहुत प्रभाव पड़ा और उन्होंने उन्हें डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया। 

25

डॉ. कादंबिनी गांगुली
डॉ. कादंबिनी गांगुली स्नातक करने वाली पहली भारतीय महिला चिकित्सक थीं। उनका जन्म 1861 में हुआ था और उनके पिता एक ब्रम्हो समाज सुधारक थे जिन्होंने भागलपुर में महिला सुधार और मुक्ति आंदोलन शुरू किया था। वह यूनाइटेड किंगडम गई और 1892 में भारत लौटकर LRCS (ग्लासगो), LRCP (एडिनबर्ग) और GFPS (डबलिन) के रूप में काम किया। 

35

डॉ पद्मावती अय्यर
डॉ पद्मावती शिवरामकृष्ण अय्यर, जो 103 साल की हो गईं, अब भी उतनी ही सक्रिय हैं, जितनी 60 साल पहले भारत में मरीजों को इलाज देने के समय थीं। वो पहली भारतीय महिला कार्डियोलॉजिस्ट हैं। इसके अलावा उन्होंने एक चिकित्सा संस्थान में पहला कार्डियोलॉजी विभाग भी बनाया और दिल की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भारत की पहली हार्ट फाउंडेशन की स्थापना की। 

इसे भी पढ़ें- बैंकॉक घूमने गई और वहां से मिला आइडिया, फिर इस लड़की ने खड़ी कर दी एक अरब डॉलर की कंपनी

ब्यूटी प्रोडक्ट बेचकर कोई बना बिलेनियर, तो कोई है आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल, ये है भारत की 10 स्ट्रांग महिलाएं

45

डॉ इंदिरा हिंदुजा
एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति और बांझपन विशेष, डॉ इंदिरा हिंदुजा ने गैमेटे इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (गिफ्ट) तकनीक का बीड़ा उठाया, जिसके कारण 4 जनवरी 1988 को भारत के पहले गिफ्ट बच्चे का जन्म हुआ। यह पहली बार नहीं था जब वह पायनियर बनी थीं, उन्होंने 6 अगस्त 1986 को भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी को भी जन्म दिया था।

55

डॉ जयश्री मोंडकर
डॉ जयश्री मोंडकर मुंबई के सायन अस्पताल में एक भारतीय नियोनेटोलॉजिस्ट हैं। वह एशिया का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक चलाने के लिए जानी जाती हैं। बच्चे के स्वस्थ और विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है। फिर भी, कई बच्चे इसे नहीं पी पाते क्योंकि कभी-कभी मां इसे पैदा करने में असमर्थ होती है। यही कारण है कि डॉ जयश्री मोंडकर ने ह्यूमन मिल्क बैंक की शुरुआत की और नवजात बच्चों की मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक कदम उठाया।

इसे भी पढ़ें- Women's day 2022: वुमेंस डे पर अपने घर की महिलाओं को करवाना है स्पेशल फील, तो उन्हें दें 10 स्पेशल गिफ्ट

जब लोग रिटायरमेंट प्लान करते हैं इस महिला में बिजनेस शुरू किया, 9 सालों में बनी देश की अरबपति बिजनेसवुमन

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos