UPSC के लिए 3 साल तक सोशल मीडिया से रही दूर...पढ़ें 158 रैंक पाने वाली अंजली की सक्सेज जर्नी

करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi ने 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी पर एक सीरीज चला रहा है। इस कड़ी में 158वीं रैंक हासिल करने वाली अंजलि विश्वकर्मा (Anjali Vishwakarma ) से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि UPSC में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ कई चीजों पर फोकस करना पड़ता है। अंजलि विदेश में एक ऑयल कंपनी में काम करती थीं लेकिन UPSC की तैयारी करने के लिए उन्होंने लाखों रुपए सैलरी की जॉब छोड़कर तैयारी शुरू की। इसके साथ ही सोशल मीडिया अब जहां लोगों की आवश्यकता बनता जा रहा है ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। आइए जानते हैं अंजलि की कहानी।  

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2021 12:16 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:19 PM IST

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UPSC के लिए 3 साल तक सोशल मीडिया से रही दूर...पढ़ें 158 रैंक पाने वाली अंजली की सक्सेज जर्नी

क्यों छोड़ दी नौकरी
अंजलि का सिलेक्शन आईपीएस (IPS) के लिए हुआ है। अंजलि का जन्म कानपुर में हुआ और 12वीं तक की  पढ़ाई देहरादून से की। आईआईटी कानपुर (IIT KANPUR) से बीटेक (B.Tech) किया और एक विदेशी  कंपनी में नौकरी ज्वाइन की। अंजलि का कहना है कि जीवन यापन के लिए नौकरी कर पैसा कमाया जा सकता है लेकिन समाज के लिए भी कुछ करना चाहिए। इसी सोच के कारण मैंने अपनी नौकरी छोड़ी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की। उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली।
 

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दुनिया के कई देशों में किया काम
अंजलि विश्वकर्मा ने 2015 में आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन किया 2018 तक ऑयल कंपनी में नौकरी की। इस दौरान वह ज्यादा समय तक विदेश में रहकर नौकरी करती रहीं। उन्होंने ऑयल कंपनी में अपनी नौकरी की शुरुआत मैक्सिको से की।  कंपनी में उनका काम समुद्र में तटों से दूर (ऑफशोर) होता था। उनकी ट्रेनिंग यूएई में हुई। उन्होंने नार्वे, मलेशिया के स्टेट ऑफ मलक्का, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के ऑफशोर पर काम किया। जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया। उस समय वह न्यूजीलैंड में थीं।

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जीवन में प्रभावकारी कार्य प्रशासनिक सेवा के जरिए ही संभव
अपने काम के दौरान उन्हें लगा कि यदि जीवन में कुछ प्रभावकारी कार्य करने हैं तो वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के जरिए ही किया जा सकता है। अंजलि का कहना है कि उन्हें लगा कि उनकी क्षमताएं विविधताओं से भरी प्रशासनिक सेवा में बेहतर तरीके से काम आ सकती है। नौकरी करने की वजह आर्थिक तौर पर सुरक्षित होने की भावना थी। ताकि अपनी  पढ़ाई का खर्च उठा सकूं। मेरे साथ पढ़ने वाले लोगों ने तैयारी की और उन्हें सफलता मिली, वह आगे बढ़े।
 

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दोस्तों से भी ले सकते हैं प्रेरणा
पैसा तो बहुत लोग कमा रहे हैं यह सब देखकर लगा कि मुझे भी यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए। मुझे हमेशा से ऐसा काम करना था। जिसका प्रभाव समाज पर पड़े। प्रेरणा आप अपने दोस्तों से भी ले सकते हैं।

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