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UPSC इंटरव्यू: इंडो-यूएस थिंक टैंक बनाते हैं तो उसमें कैसे लोग चाहिए? कैंडिडेट ने दिए थे ऐसे सवालों के जवाब

करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi ने 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी पर एक सीरीज चला रहा है। इस कड़ी में 191 रैंक हासिल करने वाली ईशा सिंह (Isha Singh) से बातचीत की। उनके साथ पढ़ने वाले छात्र विदेशों में मोटी सैलरी पर नौकरी कर रहे हैं। लॉ फर्म में भी उन्हें 20 लाख के पैकेज पर नौकरी का प्रस्ताव मिला था पर ईशा सिंह ने देश में ही रहकर समाज सेवा करने का निर्णय लिया। कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने अपनी मां के साथ वकालत शुरू की। आइए जानते हैं उनसे इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए थे?

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Asianet News Hindi
Published : Oct 08 2021, 07:16 PM IST| Updated : Feb 05 2022, 03:19 PM IST
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सवाल- इंडो—यूएस थिंक टैंक बनाते हैं तो उसमें कैसे लोग होने चाहिए?
जवाब-
उसमें डिप्लोमेट, इंटेलेक्चुअल, व्यापारी, साइंटिस्ट होने चाहिए।

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सवाल- सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई का सकुर्लर खारिज कर दिया है, आप क्या राय देंगी?
जवाब-
उनके पास वकील होना चाहिए क्योंकि वकील कोर्ट को समझ सकता है। वह कानून पढकर सकुर्लर ड्राफ्ट करता है। ताकि वह उनके खिलाफ नहीं जाए। वकील कोर्ट को भांपता भी है।

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सवाल- भारत और अमेरिका के बीच भविष्य में क्या—क्या मुददे हो सकते हैं?
जवाब-
सुरक्षा मुददा हो सकता है, क्योंकि हालिया अमेरिका (यूएस) ने अफगानिस्तान से अपनी फौजें हटायी हैं। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को एक बेहतर सहयोगी मिल गया है। पहले अमेरिका, पाकिस्तान पर निर्भर था। पर अब पाकिस्तान, अमेरिका की मजबूरी नहीं रही। पहले खैबरपाक से होकर ही अमेरिकी सेनाओं के लिए हथियार और जरूरी सामान अफगानिस्तान जाते थे। पर अब अमेरिका को पाकिस्तान की उतनी जरूरत नहीं है। इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुददे भी होंगे।

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 सवाल- क्या भारत को इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन समझौते का पालन करना चाहिए?
जवाब-
यदि हम इसका पालन नहीं करते हैं तो निजी निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दुर्लभ मामलों में ही यह एग्रीमेंट तोड़ना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पश्चिमी देशों ने बनायी है। यदि यह व्यवस्था देश की संप्रभुता के खिलाफ जाती है तो ही हमें इसे तोड़ना चाहिए।

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 सवाल- क्या आप इस कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार करेंगी?
जवाब-
जी जरूर, हम इस रिपोर्ट को स्वीकार करेंगे। यदि इस कमेटी में महिला सदस्य या अन्य कम्यूनिटी के लोग होते तो बेहतर होता। यदि अन्य कम्यूनिटी के लोग कमेटी में नही हैं तो ऐसे लोगों से बात करनी चाहिए। सरकार ने यह कमेटी बनायी है, इसमें वरिष्ठ सदस्य हैं। इसलिए हम कमेटी का निर्णय स्वीकार करेंगे।  

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 सवाल- नीति अच्छी होनी चाहिए इसके लिए महिला प्रतिनिधित्व अनिवार्य हो या वांछित?
जवाब-
नीति समावेशी होनी चाहिए। नीति निर्माता खुले विचारों के होने चाहिए। नीति निर्माण में शामिल वरिष्ठजन दिव्यांग, मर्द, बच्चा या सीनियर सिटीजन नहीं हो सकते हैं। पर वह इन सबकी बातें सुन सकते हैं और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए प्रावधान बना सकते हैं। नीति निर्माण में जनता की भागीदारी होनी चाहिए। एलजीबीटीक्यू और दिव्यांग वर्ग के मुददों को भी कमेटी को ध्यान में रखने चाहिए।

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 सवाल- क्या यह कानून खत्म कर देना चाहिए?
जवाब-
कैंडिडेट ने जवाब देते हुए कहा नहीं, यह कानून खत्म नहीं करना चाहिए। 

 

 

 

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 सवाल- 498 ए कानून का दुरूपयोग होता है, इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब-
हर कानून का दुरूपयोग होता है। वकालत में मैंने देखा है कि बहुत लोग 498 ए के झूठे आरोप लगाते हैं। पर यदि आप मुम्बई के झुग्गी झोपड़ियों में जायें तो वहां महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं और वह आगे भी नहीं आती है। ऐसे में कानून का होना जरूरी है।

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 सवाल- क्रिमिनल जस्टिस रिफार्म कमेटी में महिला सदस्य नहीं है, इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब-
नीति निर्माण में विविधता बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व जरूरी है, औरतों की समस्या अलग होती है। जेल में यौन शोषण की समस्या होती है। उनके पास पैसे नहीं होते हैं। सभी वर्गों को आगे आकर अपनी समस्या सामने रखनी चाहिए।

 

इसे भी पढ़ें- 20 लाख रु. का अट्रैक्टिव पैकेज छोड़कर ईशा ने क्रैक किया UPSC, परिवार में है अफसरों की पूरी फौज

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