खुद को ऐसे करते थे मोटिवेट
दिव्यांशु कहते हैं कि पढ़ाई करनी महत्वपूर्ण होती है। अनुशासन के साथ पढ़ना होता है। जीवन में उतार-चढाव आते रहते हैं। उनका कहना है कि यूपीएससी की तैयारी के बीच जब कभी हताशा या निराशा आए तो पहले यह सोचना चाहिए कि आप परीक्षा की तैयारी क्यों कर रहे हैं। उन्हें भी जब निराशा होती थी तो वह खुद को ऐसे ही मोटिवेट करते थे। परिवार व मित्र उत्साह बढ़ाते थे। उनके पिता इंडियन फारेस्ट सर्विस में थे तो उन्हें बचपन से ही ऐसा माहौल मिला, जिससे उन्हें पता कि सिविल सर्विस के जरिए कुछ बढ़िया काम करने का मौका मिलेगा। एक प्राइड फील होगी। उन्हें परिवार से सपोर्ट मिलता रहा और वह आगे बढते रहे।