पिता की हो गई मौत फिर भी हिम्मत नहीं हारी कश्मीरी बेटी, देश सेवा के जज्बे के साथ बनी IAS अफसर

श्रीनगर. कश्मीर के हालात से हर कोई वाकिफ़ वहां कभी भी कर्फ्यू लग जाता है तो कभी भी इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाती है। ऐसे में वहा पढ़ने वाले बच्चे बहुत मुश्किलों का सामना करते हैं। पर जब देश की सेवा करने का जज्बा हो तो इंसान कुछ भी कर गुजरता है। ऐसे ही कश्मीर की एक बेटी ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए आईएएस अफसर बनकर दिखाया। परीक्षा के दौरान लड़की के पिता की मौत हो गई थी लेकिन उसने हार नहीं मानी थी। आइए जानते हैं इस लड़की के संघर्ष की कहानी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2020 12:17 PM IST

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पिता की हो गई मौत फिर भी हिम्मत नहीं हारी कश्मीरी बेटी, देश सेवा के जज्बे के साथ बनी IAS अफसर
सिविल सर्विसेज परीक्षा 2019 के जब रिज्लट घोषित हुए तो इसमें एक कश्मीरी लड़की ने भी बाजी मारी थी। लड़की का नाम रेहाना बशीर है। रेहाना ने 187 रैंक हासिल करके अपने पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया। बशीर, कश्मीर पूंछ की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। यूपीएससी क्वालिफाई करने के लिए रेहाना ने मेडिकल पीजी की सीट तक छोड़ दी थी।
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रेहाना ने बताया कि यूपीएससी की तैयारियों के दौरान उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। यहीं नहीं मेंस के दौरान मां के कूल्हे में भी चोट आ गई थी। इस कारण उन्हें एक बड़ी सर्जरी करवानी पड़ी।
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रेहाना ने बताया कि इंटरव्यू से कुछ वक्त पहले भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक कर दी थी। रेहाना जिस वक्त घर से बाहर निकल रही थी तो एयर स्ट्राइक के कारण फ्लाइट्स पर रोक लगा दी गई थी। (फाइल फोटो)
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रेहाना ने कहा कि घाटी में हमेशा इंटरनेट की प्रॉब्लम रहती थी। इंटरनेट बंद होने के कारण हमें लगता था कि हमारे पास स्टडी मटीरियल नहीं है। ऐसे में जब भी इंटरनेट वापस लौटता था तो मैटीरियल का प्रिंट आउट निकाल सकते हैं।
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रेहाना के मुताबिक जब भी एग्जाम का नोटिफिकेशन आता था तो मैं तुरंत फॉर्म भर देती थी। इसके अलावा इंटरनेट न होने पर मैं किताबों का इस्तेमाल किया करती थी। मैंने किताबों और खुद से बनाए नोट्स से पढ़ाई की। ऐसे में आपको लाइफ में हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। (फाइल फोटो)
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मीडिया से बातचीत में रेहाना ने वहां के छात्रों को मोटिवेट करते हुए कहा कि हमारे पास सुविधाएं कम हैं लेकिन हम किसी से कम नहीं हैं। मैं बच्चों से कहना चाहूंगा कि अपने लक्ष्य के आगे किसी को बाधा न बनने दें। (फाइल फोटो)
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रेहाना ने कहा कि घाटी के स्कूलों को बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत है। अगर मुझे यहां कोई पोस्टिंग मिलती है, तो मैं निश्चित रूप से इसके बारे में सोचूंगा। मुझे खुशी है कि लोगों की सेवा करने का मेरा सपना अब आखिरकार पूरा होगा। (फाइल फोटो)
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