प्रहलाद राजस्थान के दौसा ज़िले के एक गांव में पैदा हुए। वो काफी ग़रीबी में पले-बढ़े हैं। लेकिन पढ़ाई को लेकर बहुत जागरुक थे। अपने संघर्, की कहानी वो खुद सुनाते हैं। वो बताते हैं- मैं एक छोटे से गांव आभानेरी (रामगढ़ पचवारा) से हूं। ग्रामीण किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। हमारे पास दो बीघा जमीन थी, जिसमें घर चला पाना मुश्किल था तो मां-पिताजी दूसरों के खेतों में बंटाई (हिस्सेदारी) में खेती करके परिवार को चलाते थे।