गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा, बहन की शादी के लिए छोड़ दी पढ़ाई, फिर भी IAS बन गया गरीब किसान का बेटा

करियर डेस्क.  किसी ने सच ही कहा है कि सफलता किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है।  इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम 2018 बैच के IAS रवि कुमार सिहाग की कहानी बताने जा रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2020 7:04 AM IST / Updated: Feb 26 2020, 12:37 PM IST

16
गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा, बहन की शादी के लिए छोड़ दी पढ़ाई, फिर भी IAS बन गया गरीब किसान का बेटा
IAS रवि कुमार सिहाग राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले हैं। इनके पिता राम कुमार सिहाग एक साधारण किसान हैं जबकि मां विमलादेवी एक गृहणी। रवि तीन बहन व एक भाई में सबसे छोटे हैं।
26
रवि की शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल से पूरी हुई। उनके पिता का सपना जरूर था कि बेटे को बड़ा अफसर बनाना है लेकिन खेती किसानी में इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि उन्हें किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाया लिखाया जा सके। इसलिए उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं से पूरी हुई।
36
2015 में रवि ने अपने जिले से ही ग्रैजुएशन पूरा किया। उसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। वजह थी कि उनकी बहन की शादी होनी थी उसकी जिम्मेदारी संभालने के लिए पिता के आलावा घर में सिर्फ रवि ही थे। इसलिए मजबूरी में उन्हें एक साल तक घर में रहना पड़ा।
46
बहन की शादी के बाद रवि ने अपने पिता को सिविल सर्विस की तैयारी करने की अपनी मंशा बताई। उनके पिता तैयार तो हो गए लेकिन उसमे खर्च कितना आएगा ये सोचकर वह चिंता में पड़ गए। उस समय उनकी सालाना आया लगभग 50 हजार रूपए थी। उसी 50 हजार में खेती किसानी के आलावा घर भी चलाना था।
56
लेकिन उन्होंने बेटे को तैयारी के लिए दिल्ली भेजने का निर्णय ले लिया। रवि ने दो साल तक दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी की। रवि को हिंदी मीडियम से पढ़ाई के कारण कुछ तैयारी में समस्याएं जरूर आईं। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
66
साल 2018 में रवि ने पहली बार UPSC का एग्जाम दिया। रवि ने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक कर लिया। उन्हें 337वीं रैंक मिली। रवि के सिविल सर्विस क्रैक करने के बाद उनके परिवार व उनके गांव में लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। लोग इस बात की तारीफ़ कर रहे थे कि अभावों में भी रहते हुए रवि ने पहले ही प्रयास में ये मुकाम हासिल कर लिया था।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos