सवाल- ट्राइबल एजुकेशन को कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं?
जवाब- ट्राइबल एजुकेशन की भाषा को जब तक हम हिंदी और अंग्रेजी में बनाएंगे, तब तक दिक्कत रहेगी क्योंकि आदिवासी उस भाषा का यूज नहीं करते हैं। जब हम आदिवासी भाषा में सेलेबस डिजाइन करते हैं, उन्हीं की भाषा में पढ़ाते हैं, उन्हीं के बोली में उन्हीं के टीचर्स के द्वारा तो एडाप्टीबिलिटी ज्यादा होती है। कई जगह ऐसा हो भी रहा है।
यूपीएससी इंटरव्यू में ट्रिकी सवाल पूछकर कैंडिडेट्स का कॉमन सेंस परखा जाता है।