राजशेखर ने फौरन इसकी जानकारी परिवहन विभाग के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अशोक कटारिया, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को दी। इसके बाद उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को फोन करके तुरंत लखनऊ के टेढ़ी कोठी में मौजूद परिवहन निगम के मुख्यालय को खोलने को कहा।
इसके साथ प्रदेश में परिवहन निगम के सभी रीजनल मैनेजर (आरएम) और असिस्टेंट रीजनल मैनेजर (एआरएम) के दफ्तरों को भी रात में खोलने का आदेश दिया। रात बारह बजे तक प्रदेश में परिवहन निगम के सभी आरएम और एआरएम के दफ्तर खुल गए थे और अधिकारी भी मौजूद थे। अवस्थी ने एक हजार बसों का इंतजाम करने को कहा था लेकिन राजशेखर ने तीन हजार बसों का लक्ष्य लेकर ‘आपरेशन’ शुरू किया।