जबलपुर में इन आमों की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने बताया कि एक बार चेन्नई जाते समय एक व्यक्ति ने उन्हें इस आम के दो पेड़ दिए थे और कहा था कि इस पेड़ को बच्चे की तरह संभालना। जब उन्होंने यह पेड़ लगाया तो इसे बढ़ता दे वह भी हैरान थे, क्योंकि इसमें लगने वाले फल का कलर रूबी था, जो साधारण आम फलों से काफी अलग था। बाद में उन्हें पता चला कि यह मशहूर टाइयो नो टमैंगो आम है।